केंद्र सरकार ने तमाम विरोध के बावजूद कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन बिलों को लोकसभा में पेश कराने के बाद पारित भी करा लिया। तीनों बिलों में लोकसभा में जबरदस्त संग्राम मचा। विपक्ष के साथ ही एनडीए की सहयोगी अकाली दल ने भी इस पर आपत्ति जताई। हालात इतने बिगड़े कि मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा ही दे दिया।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी किसानों से जुड़े बिल पास होने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
ये हैं वो तीन बिल
कृषक उपज व्यापार व वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, 2020
- किसान अपनी उपज के दाम खुद ही तय करने के लिए स्वतंत्र
- किसान की फसल सरकारी मंडियों में बेचने की बाध्यता खत्म
- किसान अपनी उपज देश में कहीं भी, किसी को भी बेच पाएंगे
- लेन-देन की लागत घटाने को मंडी से बाहर टैक्स नहीं वसूला जाएगा
- खरीदार फसल खरीदते ही किसान को देगा देय राशि सहित डिलीवरी रसीद
- खरीदार को तीन दिन के अंदर करना होगा किसान के बकाये का पूरा भुगतान
- व्यापारिक प्लेटफार्म यानी फसल की ऑनलाइन खरीद फरोख्त भी संभव
- एक देश और एक बाजार सिस्टम की तरफ बढने के होंगे उपाय
- अन्य वैकल्पिक व्यापार चैनलों के माध्यम से भी फसल बेच पाएंगे किसान
- व्यापारिक विवाद का 30 दिन के अंदर किया जाएगा निपटारा
कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार बिल-2020 के प्रावधान
- फसल बोने से पहले ही किसान तय कीमत पर बेचने का कर पाएगा अनुबंध
- कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किए जाने का किया गया है प्रावधान
- कृषि फर्मों, प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं व निर्यातकों से किसानों को जोड़ेगा
- उच्च प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, पूंजी निवेश के लिए भी निजी क्षेत्र से अनुबंध का मौका
- कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी से रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ाएगा
- अनुबंधित किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा
- फसल स्वास्थ्य की निगरानी, ऋण की सुविधा व फसल बीमा की सुविधा भी दिलाएगा
- अनुबंधित किसान को नियमित और समय पर भुगतान होने का करेगा संरक्षण
- सही लॉजिस्टिक सिस्टम और वैश्विक विपणन मानकों पर फसल तैयार करने में मदद
आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल-2020 के प्रावधान
- अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू आवश्यक वस्तुओं की सूची से होंगे बाहर
- कृषि या एग्रो प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निजी निवेशकों को व्यापारिक परिचालन में नियामक हस्तक्षेप से मिलेगा छुटकारा
- किसानों को अपने उत्पाद, उत्पाद जमा सीमा, आवाजाही, वितरण और आपूर्ति की छूट मिलेगी
- किसान क्षेत्रीय मंडियों के बजाय दूसरे प्रदेशों में ले जाकर फसल बेचेंगे तो मंडी कर नहीं देने पर बढ़ेगा मुनाफा
- निजी कंपनियों को सीधे किसानों से खरीद की दी जाएगी छूट, कृषि उत्पादों की जमा सीमा पर नहीं होगी रोक
- कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की राह खुलने से आधुनिक खेती का आएगा दौर