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चुनाव से पहले पीएम मोदी बिहार को आज देंगे इन योजनाओं की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को बिहार को 294.53 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। ये सभी योजनाएं मत्स्य, पशुपालन और कृषि विभाग से जुड़ी हैं।पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ करेंगे। साथ ही किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी ‘ई-गोपाला एप’ की भी शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी इस मौके पर बिहार में मछली पालन और पशुपालन क्षेत्र से जुड़ी कुछ अन्य योजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इन योजनाओं की देंगे सौगात
डिजिटल माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलावा केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह भी उपस्थित रहेंगे। इस दौरान पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 107 करोड़ रुपये की परियोजना के शुभारंभ की घोषणा भी करेंगे।

पांच करोड़ रुपये की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, 10 करोड़ रुपये का किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज और पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जलीय रेफरल प्रयोगशला का उद्घाटन होगा। पटना के मसौढ़ी का दो करोड़ रुपये का फिश ऑन व्हील्स, मधेपुरा में एक करोड़ रुपये का मत्स्य चारा मिल, 2.87 करोड़ रुपये का कृषि विश्वविद्यालय, पूसा का समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन करेंगे।

वहीं, 84.27 करोड़ रुपये की लागत से पूर्णिया में ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के तहत स्थापित अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर्य केंद्र (सीमेन स्टेशन), 8.06 करोड़ रुपये की लागत से पटना में स्थित पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थापित आईवीएफ लैब, 2.13 करोड़ रुपये का बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, नालंदा व गया में तैयार सेक्स सार्टेड सीमेन परियोजना का शुभारंभ करेंगे।

कृषि विवि पूसा, समस्तीपुर में 11 करोड़ रुपये की लागत से बना स्कूल ऑफ एग्रीबिजिनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के भवन का उद्घाटन, 27 करोड़ रुपये का ब्वॉज हॉस्टल, 25 करोड़ रुपये का स्टेडियम और 11 करोड़ रुपये का इंटरनेशनल गेस्ट हाउस का शिलान्यास करेंगे।

पीएमएमएसवाई मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है। जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 से 2024-2025 की अवधि के दौरान सभी राज्यों में कार्यान्वित किया जाना है। इस योजना में 20,050 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होना है।

पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपये का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे बड़ा निवेश है। इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपये का निवेश समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केंद्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपये का निवेश फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रस्तावित है।

पीएमओ के मुताबिक, इस योजना के उद्देश्यों में 2024-25 तक मछली उत्पादन अतिरिक्त 70 लाख टन बढ़ाना, 2024-25 तक मछली निर्यात से आय 1,00,000 करोड़ रुपये तक करना, मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना, पैदावार के बाद नुकसान 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना तथा मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना शामिल हैं।

बिहार में पीएमएमएसवाई योजना के लिए 535 करोड़ रुपये की केन्द्र की हिस्सेदारी के साथ 1390 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है। इसके तहत राज्य में तीन लाख टन अतिरिक्त मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

बयान में कहा गया है कि वर्तमान में देश में पशुधन का प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए ऐसा कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है, जहां सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) में रोगमुक्त जीवाणु (जर्मप्लाज्म) खरीदना और बेचना, गुणवत्तापूर्ण प्रजनन सेवाओं की उपलब्धता और पशु पोषण के लिए किसानों को मार्गदर्शन या जानकरी मिलती हो। ई-गोपाला एप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा।

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