डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध प्रदेश के 22 तकनीकी संस्थान नए सत्र से बंद हो जाएंगे। इनमें से अधिकतर कॉलेज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। जानकारों के मुताबिक 12 कॉलेज अगले से सत्र पूर्णता बंद हो जाएंगे जबकि दस कॉलेज सिर्फ अपने पुराने छात्रों की डिग्री पूरी करा कर बंद होंगे। संस्थानों की ओर से कॉलेज बंद करने के लिए एकेटीयू में आवेदन कर दिया है।
तकनीकी संस्थानों में लगातार छात्रों की घटती संख्या उनकी बंदी का सबब साबित हो रही हैं। पिछले साल एकेटीयू से सम्बद्ध करीब 54 कॉलेजों ने अपने यहां पर बीटेक की कई विधाएं बंद कर दी थी। इसमें कई कॉलेज ऐसे भी थे जिन्होंने एमबीए और एमफार्मा कोर्स अपने यहां बंद कर दिए हैं।
इसमें लखनऊ के आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज, विजन इंजीनियरिंग कॉलेज, निखिल इंस्टीट्यूटी, ट्रांसलम इंस्टीटयूट समेत करीब 54 कॉलेजों ने अपने दो शिफ्टों में चलने वाले इंजीनियरिंग के कोर्सो को एक शिफ्ट में किए जाने का आवेदन किया था। इन कॉलेजों ने इंजीनियरिंग, एमबीए व एमफार्मा की 30 से 60 सीटें तक खत्म कर दी थी। इस साल सचदेवा इंजीनियरिंग कॉलेज समेत करीब 12 कॉलेजों ने संस्थान पूर्ण रूप से बंद करने के लिए एकेटीयू में आवेदन किया है।
दस कॉलेजों में नहीं होगा दाखिला
एकेटीयू से सम्बद्ध 12 संस्थान जहां पूर्ण रूप से बंद होंगे तो वहीं दस कॉलेज ऐसे हैं, जो नए सत्र से अपने यहां एक भी दाखिला नहीं लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक उनके यहां जो छात्र पढ़ रहे हैं। संस्थान सिर्फ उन्हीं छात्रों को कोर्स पूरा कराएंगे। इसके बाद वह कॉलेज भी बंद हो जाएंगे। जानकारों के मुताबिक इंजीनियरिंग में छात्रों का गिरता रूझान संस्थानों के बंद होने की वजह साबित हो रहे हैं।
जो कॉलेज छात्रों को गुणवत्ता नहीं दे पाएंगे। वह बहुत ज्यादा समय तक नहीं चल पाएंगे। जो कॉलेज छात्रों को सुविधा नहीं देंगे, प्लेसमेंट के मौके उपलब्ध नहीं कराएंगे। वहां छात्र दाखिला क्यों लेंगे। आने वाले समय में बेहतर शिक्षक, प्लेसमेंट व अन्य सुविधा देने वाले कॉलेज ही चल पाएंगे।
प्रो विनीत कंसल, प्रतिकुलपति एकेटीयू