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जन्‍माष्‍टमी पर समूह कार्यक्रम नहीं होंगे, घरों में जन्माष्टमी मनाये और झाकियां सजाये

जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया जाएगा। हालांकि इस बार मंदिरों, पुलिस लाइन तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर समूह में कार्यक्रम नहीं होंगे। मंदिरों में सिर्फ पुजारी पूजा करेंगे और जन्माष्टमी मनाएंगें। गृहस्थ अपने-अपने घरों में जन्माष्टमी मनाएंगे और झांकियां सजाएंगे। महिलाएं कृष्ण के जन्म के बाद सोहर गाकर खुशियां मनाएंगी।

जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। दशकों से जन्माष्टमी के दिन गोरखपुर के प्रमुख मंदिरों पर राधा-कृष्ण की झांकियां सजाई जाती है। बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। गोरखपुर में पुलिस लाइन, रजही आरपीएसएफ कैम्प, रेलवे, पीएसी ग्राउंड और जलकल में जन्माष्टमी के दिन भव्य झांकियां सजाई जाती है। यहां पहुंचकर लोगों को ‘द्वापर’ के उतर आने का अहसास होता है। बड़ी संख्या में लोग इन स्थलों पर राधा-कृष्ण की झांकियां देखने पहुंचते हैं। पूजा-अर्चना करते हैं। सभी थानों पर जन्माष्टमी मनाई जाती है। पुलिसकर्मी बड़े उत्साह से सांस्कृतिक आयोजन भी करते हैं।

इस बार एडीजी दावा शेरपा ने बताया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुलिस लाइन तथा थानों पर सामूहिक रूप से जन्माष्टमी पर आयोजन नहीं किए जाएंगे। वहीं जटाशंकर शिवमंदिर के मुख्य पुजारी पंडित देवेंद्र प्रताप ने बताया कि शिव मंदिर पर हर साल जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। हालांकि इस साल मंदिर में केवल पूजा-अर्चना की जाएगी। सिर्फ पुजारी ही मंदिर में जन्माष्टमी मनाएंगे। गूहस्थों से गुजारिश की जा रही है कि वह अपने-अपने घरों में राधा-कृष्ण की झांकियां सजाएं और जन्माष्टमी मनाएं। यही मोहद्दीपुर गोपाल मंदिर, बेतियाहात हनुमान मंदिर तथा अन्य प्रमुख मंदिरों होने जा रहा है।

गृहस्थ मनाएंगे 11 को जन्माष्टमी और वैष्णवमतावलम्बी 12 को
भारतीय विद्वत्समिति के महामंत्री डॉ.जोखन पांडेय शास्त्री ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत गृहस्थ 11 अगस्त को तथा वैष्णवमतावलम्बी 12 अगस्त को रखेंगे। डॉ. शास्त्री ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत एवं जन्मोत्सव भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जो मध्य रात्रि में प्राप्त होती है उस दिन गृहस्थ जन मनाते हैं। इस वर्ष 11 अगस्त मंगलवार को सूर्योदय प्रातः 5:30 बजे है सप्तमी तिथि प्रातः 6 बजकर 14 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी जो दूसरे दिन बुधवार को प्रातः 8:01 बजे तक है। कृतिका नक्षत्र रात्रि 1:29 बजे तक है। इस तरह से 11 अगस्त मंगलवार को रात्रि 12:00 बजे अष्टमी तिथि प्राप्त हो रही है। इसलिए गृहस्थ जन इसी दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत एवं भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। उन्होंने बताया कि वैष्णव संप्रदाय के लोग  उदयकालीन अष्टमी तिथि में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करते हैं। अतः ऐसे वैष्णव जन दूसरे दिन 12 अगस्त बुधवार को ब्रत करेंगे। इस दिन सूर्योदय 5.31 बजे पर है तथा अष्टमी तिथि प्रातः 8:01 बजे तक है।

भोपासी 13 अगस्त को
भारतीय विद्वत्समिति के महामंत्री डॉ.जोखन पांडेय शास्त्री ने कहा कि कुछ वैष्णव जन शुद्ध रोहिणी नक्षत्र जिस दिन मध्यरात्रि 12:00 बजे प्राप्त होती है उसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। 13 अगस्त गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र प्रातः काल से रात्रि 3:14 तक प्राप्त हो रही है। ऐसी स्थिति में 13 अगस्त की रात्रि में 12:00 बजे प्राप्त हो रही है। अतः रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने वाले वैष्णवजन इसी दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव व जन्माष्टमी का व्रत करेंगे इन्हें शुद्ध भोपासी कहा जाता है।

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