रामनगरी की फिजा में उल्लास व उत्साह की महक बिखर रही है, सदियों के संघर्ष के बाद आए सुखद परिणाम की अनुभूति से अयोध्यावासी गदगद हैं। पीएम मोदी ने राममंदिर निर्माण की आधारशिला ही नहीं रखी बल्कि अयोध्या के नव निर्माण का भी संकेत दे गए। इसका असर गुरूवार को अयोध्या में प्रत्यक्ष नजर आया।
रामनगरी में एक नया सवेरा उदित हुआ, इस सुबह में एक ओर हर्ष, उल्लास, उमंग का मिश्रण तो दूसरी ओर संकल्प की सिद्घि का भी संतोष नजर आ रहा था। पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर दो दिनों तक कुछ हद तक बंदिश में जकड़ी अयोध्या का माहौल गुरूवार को खुशनुमा नजर आया, बाजारों में चहल पहल दिखी। हर जगह बस लोग राममंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी व्यक्त करते नजर आ रहे थे।
वहीं दूसरी तरफ उदया चौराहे से लेकर सरयू तट तक सजी-संवरी रामनगरी यह साफ बता रही थी कि रामनगरी ने नई इबारत गढ़ दी है। मुख्य मार्ग पर पीएम मोदी के दौरे को लेकर लगाई गई लोहे की बैरीकेडिंग का हटाने का काम शुरू हो गया है।
घर-घर पहुंचाया जा रहा भूमिपूजन का प्रसाद
पूजन का प्रसाद भव्य मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमिपूजन का प्रसाद घर-घर वितरित किया जाएगा। प्रसाद ले जाने वाले वाहन को विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने ध्वज दिखाकर रवाना किया। सांसद लल्लू सिंह के नेतृत्व में अयोध्या न्यास से प्रसाद का वितरण बूथ स्तर पर हर घर में किया जाएगा।
भक्तों ने तोड़ा लॉकडाउन का रिकॉर्ड
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन के अगले ही दिन रामभक्तों की भीड़ अयोध्या में बढ़ने लगी। पूरे दिन रामलला का दर्शन जहां 2000 लोगों ने किए, वहीं हनुमानगढ़ी में भी 3000 से अधिक भक्तों ने शीश नवाया। यह आंकड़े लॉकडाउन के दौरान सर्वाधिक बताए गए हैं। बृहस्पतिवार को दिनभर बाजारों में चहल पहल दिखी तो शाम होते ही सब्जी मंडी से लेकर मुख्य मार्ग पर लोगों की भीड़ नजर आयी।
हनुमानगढ़ी चौराहा व डाकखाना चौराहा पर जाम रहा। हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने बताया कि लॉकडाउन में मंदिर खुलने के बाद से सर्वाधिक भीड़ हुई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शन पूजन कराया गया। वहीं रामलला के दरबार में भी पिछले 2 महीनों में सर्वाधिक भीड़ हुई। यहां प्रसाद चढ़ाने से परहेज रखा गया।
पहली पाली में जहां करीब 1200, वहीं दूसरी पाली में लगभग 800 भक्तों ने हाजिरी लगाई। रामजन्म भूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद से ही रामलला के दरबार में प्रतिदिन मात्र सौ से डेढ़ सौ श्रद्धालु ही दर्शन पूजन करते थे। यह राममंदिर शुरू होने का उल्लास ही था। जो कोरोना के बावजूद भक्तों को रामलला के दरबार तक खींच लाया। उन्होंने बताया कि बुधवार को भूमिपूजन के बाद दूसरी पाली में करीब 500 भक्तों ने रामलल के दर्शन किए थे।