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एयर बेस पर लैंडिंग के बाद अगले ऑपरेशन की तैयारियों में जुट जायेगा राफेल

अंबाला एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग करने के तत्काल बाद राफेल विमान सरहद पर परवाज भरना शुरू कर देंगे। एक अफसर ने बताया, इस दौरान राफेल को लेकर आने वाले सभी पायलटों और ग्राउंड क्रू को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे लैंडिंग के बाद अपना सिर नीचे रखते हुए जल्द से जल्द समग्र वायुसेना के संचालन के साख एकीकृत हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियां कुछ गंभीर चल रही हैं। इसलिए ऐसे निर्देश दिए गए हैं। इस वजह से राफेल यहां पहुंचते ही चीन सीमा पर दहाड़ना शुरू कर देंगे।

सूत्रों ने कहा, अंबाला एयर फोर्स स्टेशन में राफेल के हथियारों को अत्याधुनिक वेपन स्टोरेज में महफूज रखा जाएगा। राफेल विमान भी एयर बेस पर सुरक्षित रहें। इसके लिए भी विशेष इंतजाम किया गया। इसी के मद्देनजर एयरफोर्स स्टेशन में एडवांस वेपन स्टोरेज और हैंगर तैयार किया गए हैं। फ्रांसीसी विशेषज्ञों की देखरेख में इन्हें तैयार किया गया है।

अंबाला एयर फोर्स स्टेशन फिलहाल ऐसे क्षेत्र में मौजूद है। जिसे बाढ़ग्रस्त माना जाता है। भौगोलिक दृष्टि के चलते अत्यधिक बारिश आने पर इस विशाल एयरफोर्स स्टेशन के साथ सटे कई इलाकों का बरसाती पानी एयरफोर्स स्टेशन परिसर से ही होकर आगे गुजरता है। बारिश बहुत ज्यादा हो जाए तो एयरफोर्स स्टेशन के भीतर एयरबेस तक लबालब हो जाता है। चूंकी, अब अंबाला एयरफोर्स स्टेशन राफेल का नया घर होगा। लिहाजा यहां राफेल फाइटर जेट विमान के लिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। उसे यहां की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ही बनाया गया है।

सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञों ने यहां एडवांस हैंगर के साथ-साथ एक बेहद अत्याधुनिक वेपन स्टोरेज बनाया है। वेपन स्टोरेज को गोपनीय रखा जाएगा। जहां राफेल में लैस होने वाले तमाम हथियारों एवं मिसाइलों को सावधानी के साथ बेहद सहेज कर रखा जाएगा। इस वेपन स्टोरेज में हथियारों की लिफ्टिंग व्यवस्था के साथ-साथ, किस तापमान में रखना है, इसका भी पूरा सिस्टम तैयार किया गया है। राफेल के विशाल हैंगर और वेपन स्टोरेज दोनों ही बाढ़ जैसी संभावनाओं से भी पूरी तरह सुरक्षित बनाए गए हैं।

मौसम तय करेगा अंबाला में राफेल की लैंडिंग, जोधपुर दूसरा विकल्प
पांच राफेल फाइटर विमान सोमवार सुबह डसॉल्ट एविएशन फैसिलिटी, मेरिग्नैक, फ्रांस से उड़ान भर चुके हैं। इन पांचों में तीन सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर विमान शामिल हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार 29 जुलाई को इन पांचों राफेल विमानों ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के एयरबेस पर लैंड करना है। मौसम तय करेगा अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को राफेल की लैंडिंग होगी या नहीं।

अंबाला में खराब मौसम की संभावनाओं को लेकर इंडियन एयरफोर्स पूरी तरह संशय में है। मौसम विभाग के अनुसार 29 जुलाई को अंबाला के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ-साथ जबरदस्त मेघ गर्जना के साथ आंधी और तूफान की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में अंबाला एयरबेस पर राफेल विमानों की लैंडिंग टाली जा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि इसके लिए दूसरा विकल्प एयर फोर्स जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन को भी चुन सकती है। जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर भी राफेल विमानों के हैंगर तैयार किए गए हैं, क्योंकि अंबाला से पहले राफेल विमानों की स्क्वाड्रन जोधपुर में ही तैयार की जानी थी। मगर पश्चिमी मोर्चों पर चल रही मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए इस स्क्वाड्रन को अंबाला में शिफ्ट किया गया।

सादा रहेगा राफेल का स्वागत
अंबाला में राफेल का स्वागत सादा रहेगा। एयरफोर्स अथॉरिटी ने चीन के साथ चल रही तल्खी और महामारी के इस दौर में राफेल की इंडक्शन सेरेमनी को टाल दिया है। इस दौरान किसी प्रकार का कोई बड़ा समारोह नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि अंबाला एयर बेस पर लैंडिंग के बाद राफेल विमान अपने अगले ऑपरेशन की तैयारियों में जुट जाएंगे। एक अफसर ने बताया इस दौरान राफेल को लेकर आने वाले सभी पायलटों और ग्राउंड क्रू को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह लैंडिंग के बाद अपना सिर नीचे रखते हुए जल्द से जल्द समग्र वायुसेना के संचालन के साथ एकीकृत हो जाएं। सूत्रों के मौजूदा परिस्थितियां कुछ गंभीर चल रही हैं। इसलिए ऐसे निर्देश दिए गए हैं।

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