पूर्वी लद्दाख में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने शिनजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाले हाइवे पर ‘समर वारगेम’ के तहत बड़े पैमाने पर सैनिकों और युद्ध सामग्री को जुटाया था, लेकिन मिट्टी ढोने वाले ट्रकों समेत सभी परिवहन संसाधनों का इस्तेमाल कर चुपके से सैनिकों और युद्ध सामग्री को भारत की ओर पहुंचा दिया। इतना ही नहीं चीन ने नागरिक हवाई पट्टी को सैन्य हवाई पट्टी में भी तब्दील कर दिया।
चीन ने भेजे थे 20 हजार से ज्यादा सैनिक
सूत्रों ने बताया, चीन ने सैनिकों की दो डिवीजन (20 हजार से ज्यादा) को लद्दाख में भारतीय इलाके के नजदीक तैनात किया था, जबकि एक डिवीजन को शिनजियांग में रिजर्व रखा, जो 48 घंटे के भीतर लद्दाख पहुंच सकती थी।
इधर…नेपाल ने भारत के बांध और सड़क का किया विरोध
विवादित नक्शे को मंजूरी देने के बाद नेपाल ने भारत के सड़क और बांध बनाने का विरोध किया है। नेपाल का कहना है कि भारत के सड़क और बांध निर्माण से उसके इलाके में बाढ़ की समस्या पैदा हो रही है। इसके लिए नेपाल ने बाकायदा राजनयिक पत्र भेजकर सड़क व बांध निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज की है।
नेपाल के प्रमुख अखबार कांतिपुर ने नेपाल के सिंचाई मंत्रालय के सचिव रवींद्र नाथ श्रेष्ठ के हवाले से लिखा है कि भारत को राजनयिक पत्र भेजा गया है और दोनों देशों के बीच होने वाली बाढ़ व जल प्रबंधन की संयुक्त समिति की बैठक जल्द बुलाने की मांग की गई है।