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हॉटस्पॉट बनाने में देरी से बढ़ रहा खतरा ।

सीतापुर। जिले में राज्य सरकार की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद प्रशासन जिस तरह से हॉटस्पॉट बनाने में देरी कर रहा है, उससे कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। जिले में कोरोना वायरस की रफ्तार तेज हो गई है। मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है।
शुरुआती दौर में कोरोना मरीज मिलते ही पुलिस प्रशासन एक किमी के दायरे को सील कर आनन-फानन हॉटस्पॉट घोषित कर सख्ती लागू कर देता था। ये हाल तब था, जब मरीज काफी कम निकल रहे थे, लेकिन अनलॉक-1 में गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में हॉटस्पॉट बनाने में हुए बदलाव के बाद अब कोरोना मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
किसी दिन एक साथ दस तो किसी दिन नौ मरीज पाए जा रहे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है। लेकिन इसके बाद जिले का पुलिस-प्रशासन वायरस को रोकने में लापरवाही बरत रहा है। सरकारी लापरवाही से संक्रमण की चेन लंबी हो सकती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल, लगातार मिल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के मामलों में देखा गया है कि पुलिस-प्रशासन हॉटस्पॉट बनाने में देरी कर रहा है। मरीजों के मिलने र्कई घंटे और दिन गुजरने के बाद हॉटस्पॉट बनाए जा रहे है, वह भी सिर्फ रस्मअदायगी के लिए। ऐसे में इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही मरीजों के मिलने के बाद भी जारी रहती है। जिम्मेदारों की सरकारी लापरवाही कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को कमजोर कर सकती है। जरूरत है मरीज मिलते ही फौरन हॉटस्पॉट बनाकर सख्ती करने की।
रामकोट कस्बे के निवासी होम्योपैथिक डॉक्टर के 11 जुलाई की सुबह कोरोना संक्रमित होने की जानकारी हुई। डॉक्टर को एल-1 में भर्ती तो करा दिया गया, लेकिन दिनभर न तो स्वास्थ्य टीम सर्वे के लिए पहुंची और न ही सैनिटाइजेशन का काम हुआ। हॉटस्पॉट बना सील की कार्रवाई भी नहीं की गई। 12 जुलाई की सुबह 6 बजे डीएम ने रामकोट कस्बे को हॉटस्पॉट बनाने का आदेश जारी किया। मरीज मिलने के 24 घंटे तक आवाजाही जारी रही।


परसेंडी ब्लॉक क्षेत्र के गांव हाता निवासी एक युवक की रिपोर्ट आठ जुलाई की रात कोरोना पॉजिटिव आई। नौ जुलाई की सुबह इसकी जानकारी प्रशासन को हुई। मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, लेकिन गांव को हॉटस्पॉट 10 जुलाई की दोपहर को बनाया गया। ऐसे में यहां भी लोगों की आवाजाही जारी रही।

कसमंडा ब्लॉक के पट्टी गांव की एक बालिका कई दिन पूर्व बाराबंकी में कोरोना संक्रमित मिली थी। बाराबंकी अस्पताल में उसने सैंपल देकर जांच कराई थी। कोविड अस्पताल में उसे भर्ती तो करा दिया गया था, लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम देखिए कि गांव को बुधवार को प्रशासन ने हॉटस्पॉट बनाया और गांव को सैनिटाइज कराया गया, इससे संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

 

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