विकास निर्दोष है। पुलिस उसको अपराधी बना रही है। कोई बात नहीं। कोर्ट में फैसला होगा। ये कहना है विकास के पिता राम कुमार दुबे का। उनकी उम्र करीब 85 साल है, लेकिन जब उन्होंने विकास के पक्ष में मोर्चा खोला तो हर कोई दंग रह गया।
इतनी वीभत्स घटना के बाद भी जिस तरह से उन्होंने विकास को बेगुनाह बताया तो सबकी आंखें खुली रह गईं। घटना के बाद जब पुलिस विकास के घर में घुसी थी तो एक हॉल में रामकुमार बेड पर लेटे हुए थे। तब राम कुमार ने न बोल पाने और उठने में असमर्थता जताई थी।
पुलिस ने भी उनकी बात पर यकीन कर लिया था। मगर जब शनिवार को मकान पर जेसीबी चली तो रामकुमार ने बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस विकास को फंसा रही है।
गुनहगार कौन है ये कोर्ट तय करेगा, पुलिस नहीं। वह उल्टा पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि दबिश देकर बवाल मचाया। जब पुलिसकर्मियों ने कहा कि आठ अफसर शहीद हो गए तो इस पर रामकुमार का कहना था कि विकास था ही नहीं।
वहीं बाद में बोले कि घर पर था, लेकिन घटना में वह नहीं था। रामकुमार के बयानों को सुनकर पुलिस अफसरों का कहना था कि इसी वजह से विकास शुरू से ही बेअंदाज रहा। वारदातों को अंजाम दिया।