देश में आज लगातार चौथे दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। पिछले चार दिनों में तेल की कीमतें दो रुपये से भी ज्यादा बढ़ी हैं। पेट्रोल 2.14 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है और डीजल के दाम में 2.23 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट दिए जाने के बाद अब निजी वाहनों और ऑटो-टैक्सी आदि को चलने की अनुमति दे दी गई है, जिसके चलते पेट्रोल-डीजल की मांग में अचानक वृद्धि हुई है। तेल कंपनियों द्वारा 83 दिनों तक कीमतों की समीक्षा स्थगित रखी गई। अब कीमत में दैनिक बदलाव की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी गई है।
प्रमुख महानगरों में इतनी है कीमत
कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल की कीमत में 40 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 45 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की। अब देश की राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73 रुपये से बढ़कर 73.40 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह डीजल की कीमत 71.17 रुपये से बढ़कर 71.62 रुपये प्रति लीटर हो गई। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत क्रमश: 75.36, 80.40 और 77.43 रुपये प्रति लीटर है। डीजल की बात करें, तो इन महानगरों में इसका दाम क्रमश: 67.63, 70.35 और 70.13 रुपये है।
वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह की राय
इस संदर्भ में वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह का कहना है कि, जिस तरह से सरकार के ऊपर कोरोना काल में राहत पैकेज से लेकर तमाम तरह की रियायतें देने का दबाव है उसकी भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाना ही सबसे आसान रास्ता है। वैसे तो बीते कई महीनों से कच्चे तेल के दाम न्यूनतम स्तर पर रहे हैं और सरकार को मौजूदा कीमतों पर इससे बड़ी कमाई होनी चाहिए थी। लेकिन लॉकडाउन के चलते जब पेट्रोल-डीजल की बिक्री ही आधी से ज्यादा लुढ़क गई तो सरकार के हाथ से ये मौका फिसल गया। अप्रैल में तो पूरी तरह और मई में करीब करीब लॉकडाउन का ही असर रहा। ऐसे में रिटेल बिक्री तो कहीं कहीं पर महज 10 फीसदी ही रह गई।’
आगे उन्होंने कहा कि, ‘सरकार ने कच्चे तेल के दाम घटने से पेट्रोल-डीज़ल को सस्ता करने की जगह उस पर एक्साइज बढ़ाकर अपनी खाली होती तिजोरी भरने की कोशिश की। फ्यूल पर टैक्स लगाकर खजाना भरने का काम केवल भारत सरकार नहीं करती है। दुनिया की तमाम दिग्गज अर्थव्यवस्थाएं इसे अपनी आमदनी के बड़े जरिए के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। तेल के बड़े उत्पादक देश अमेरिका में तो पेट्रोल पर केवल 19 फीसदी टैक्स वसूला जाता है लेकिन जापान में इस पर 47 फीसदी ब्रिटेन में 62 फीसदी और फ्रांस में 63 फीसदी तक टैक्स वसूला जाता है
।’ पहले ही तेल उत्पादक देशों ने गिरावट से घबराकर कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की है। अब अगर हालात नहीं सुधरे तो तेल उत्पादक देश ज्यादा कटौती करने का फैसला कर सकते हैं। इससे भी दाम बढ़ने की आशंका तेज हो सकती है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको RSP और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
कैसे तय होती है तेल की कीमत?
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है। देश में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स 69 फीसदी हो गया है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। पिछले साल तक भारत में पेट्रोल-डीजल पर 50 फीसदी तक टैक्स था।