ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर यानी आज शनि जयंती मनाई जाएगी। शनि दोषों से छुटकारा पाने और शनि कृपा के लिए इस दिन भगवान शनि की पूजा का विशेष महत्व है। शनि जयंती पर शनि मंदिर में तेल के दीये जलाए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि की विशेष भूमिका होती है। शनि को न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है। शनि व्यक्ति को उनके कर्मो के हिसाब से उचित फल देते हैं। अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल और बुरा कर्म करने पर बुरा फल मिलता है। जिन जातकों की ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या रहती है उनके लिए शनि जयंती पर भगवान शनि की पूजा करने से साढ़ेसाती का असर कम होता है।
शनि जयंती के शुभ अवसर पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े – साती के प्रकोप से छुटकारा
कौन है शनि
शनिदेव प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य और माता छाया की संतान हैं। अपनी माता के अपमान के कारण शनिदेव हमेशा अपने पिता सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं। फलित ज्योतिष में शनि को न्यायाधिपति कहा गया है। इनका स्वरूप काला रंग और ये गिद्ध की सवारी करते हैं। इन्हे सभी ग्रहों में न्याय और कर्म प्रदाता का दर्जा प्राप्त है। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। यह बहुत ही धीमी चाल से चलते हैं। यह एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि की महादशा 19 वर्षों तक रहती है। मान्यता है शनि देव जिस किसी पर अपनी तिरक्षी नजर रख देते हैं उसके बुरे दिन आरंभ हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें उनकी पत्नी ने शाप दिया था जिस कारण से शनि की नजर को बुरा माना जाता है। वहीं अगर शनि की शुभ दृष्टि किसी पर पड़ जाए तो उसका जीवन राजा के समान बीतने लगता है।
शनि पूजा का महत्व
जिन जातकों के ऊपर हमेशा कष्ट, गरीबी, बीमारी और धन संबंधी परेशानी होती है उन्हें शनि देव की पूजा जरूर करना चाहिए। शनि देव की पूजा के लिए प्रत्येक शनिवार, शनि अमावस्या और शनि जयंती का दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है। शनि देव पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाने और काली चीजों का दान करने से शनिदोष का प्रकोप कम हो जाता है।
शनि जयंती 2020 पूजा मुहूर्त
शनि जयंती- 22 मई, शुक्रवार
अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 21 मई 2020 को शाम 9 बजकर 35 मिनट से
अमावस्या तिथि की समाप्ति- 22 मई,2020 को रात 11 बजकर 08 मिनट तक
शनि पूजा विधि
– शनि जयंती पर मंदिर में जाकर शनिदेव को चरणों के दर्शन करें। याद रहे इस दौरान भूलकर भी शनि देव की आंखों में आंख न मिलाएं।
– शनिदेव की पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
– शनि देव के विशेष दिनों में मंदिर में जाकर उनके दर्शन जरूर करना चाहिए।
– शनि देव के साथ हनुमान जी के भी दर्शन और पूजा करने से शनि दोष से जल्दी छुटकारा मिलता है।
– शनि देव को तेल और नीला फूल जरूर चढ़ाएं।
– गरीबों को दान करना चाहिए।
– शनि की पूजा करते समय सूर्य की नहीं करनी चाहिए।