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मासिक शिवरात्रि का महत्व, पूजा विधि

आज मासिक शिवरात्रि है। यह व्रत हर महीने में पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध, ईष्र्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है।

पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश भगवान प्रथम पूजनीय देव हैं, किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। गंगा जल नहीं होने पर आप साफ पानी से भी भोले बाबा का अभिषेक कर सकते हैं।
जिनके घर में शिवलिंग नहीं है वो भोले बाबा का ध्यान करें।
भगवान शिव की आरती करें।
भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें।
इस दिन अपनी इच्छानुसार भगवान शंकर को भोग लगाएं। भगवान को सात्विक आहार का ही भोग लगाएं। भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें।

इस व्रत के करने से विवाह संबंधित दिक्कतें दूर हो जाती हैं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंवारी कन्याओं के लिए ये व्रत श्रेष्ठ माना गया है। जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही हैं उन्हें मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

20 मई 2020 को रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक। मासिक शिवरात्रि में रात्रि पूजा का विशेष महत्व होता है।

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