दक्षिण कोरिया व चीन में तैयार की गई कोरोना जांच की किट केजीएमयू लैब के पहले ही ट्रायल में फेल हो गई। इनसे पॉजिटिव मरीजों की जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट निगेटिव आईं। बाद में एलाइजा जांच में मरीज पॉजिटिव पाए गए। चीन व कोरिया से आई अलग-अलग बैच की करीब 25 किटों की जांच हुई है।
केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि चीन और दक्षिण कोरिया की पॉलीमीटर चेन रिएक्टर व रैपिड टेस्ट किट का यहां ट्रायल किया गया। जांच में किट उपयुक्त नहीं पाई गईं।
इसकी सूचना इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) सहित अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू भारत में कोरोना जांच में इस्तेमाल की जानी वाली किट की गुणवत्ता को मान्यता देने का भी काम करेगा।
संबंधित कंपनी अथवा संस्थान की ओर से तैयार किट के हर बैच की जांच होगी। केजीएमयू के प्रमाण पत्र के बिना उनका प्रयोग मरीज पर नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि किट की जांच के लिए आईसीएमआर ने मंगलवार को ही केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है।
हर रोज हो एक हजार सैंपल की जांच
कुलपति ने बताया कि केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में 24 घंटे काम हो रहा है। प्रतिदिन करीब 1000 सैंपल की जांच की जा रही। अब तक 25 हजार से ज्यादा जांच हो चुकी है। लैब की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही।