होलिका दहन इस बार 9 मार्च सोमवार को किया जाएगा। अगले दिन दस मार्च को होली खेली जाएगी। कई वर्ष बाद होलिका दहन के समय भद्राकाल की रुकावट नहीं पड़ेगी। बल्कि इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण ध्वज योग बन रहा है। जो यश प्रदान करने वाला माना जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। वहीं शाम को प्रदोष काल में शाम 6:30 से 7:20 तक होगा। पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी।
तीन मार्च से शुरू होंगे होलाष्टक
2020 का होलाष्टक दोष 03 मार्च मंगलवार को प्रारंभ हो रहा है। जो नौ मार्च होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सभी शुभ कार्य वर्जित हैं। नौ मार्च को गोधूलि बेला में होली दहन होगा। 10 मार्च को ही होली खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. अर्रंवद मिश्र ने बताया कि होलाष्टक के पहले दिन अर्थात फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन में मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
होलिका दहन मुहूर्त
होलिका दहन सोमवार, नौ मार्च
होलिका दहन मुहूर्त: शाम 06: 26 से 08:52 तक
अवधि: 02 घण्टे 26 मिनट