इस बार होलिका दहन अच्छे योग में दहन होने जा रही है। अक्सर होलिका वाले दिन दहन के समय भद्रा होने से बड़ी मुहूर्त में परेशानी रहती थी। परन्तु इस बार ऐसा नहीं हो रहा बल्कि इस बार भद्रा रहित, ध्वज एवं गज केसरी योग उस दिन रहेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सोमवार, पूर्णिमा तिथि, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, ध्वज योग एवं गजकेशरी योग उस समय होगा। इस बार 9 मार्च सोमवार को भद्रा दिन के 01:12 बजे समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन गोधूलि बेला में इस वार प्रदोष काल सूर्यास्त शाम 06:22 बजे से 08:49 बजे तक श्रेष्ठ मुहुर्त है। इसी समय चर की चौघड़िया का समबेश भी रहेगा जो अति उत्तम है। ज्योतिषाचार्य ने कहा कि जनता सुखी रहेगी किसान के गेहूं, चना, मटर, सरसों आदि फसलों का उत्पादन अच्छा रहेगा। किसान व व्यपारी दोनों ही सुख महसूस करेंगे। जनता में अमन चैन रहेगा।
उन्होंने कहा कि 02 मार्च दोपहर 12:52 बजे से होलाष्टक प्रारम्भ हो जाएंगे। जो होलिका दहन के बाद समाप्त हो जाएंगे। होलाष्टक के समय ग्रह प्रवेश, विवाह, सगाई आदि शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शास्त्रों की मानें तो होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं।