अंडर-19 विश्व कप में दिल तोड़ने वाली हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों के साथ बांग्लादेशी टीम ने बेहद बुरा बर्ताव किया। दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफ्सट्रूम में हुए एक लो स्कोरिंग फाइनल में बांग्लादेश ने भारत को 5वीं बार अंडर 19 वर्ल्ड कप चैंपियन बनने से रोक दिया और अपना पहला खिताब जीता, लेकिन इसके तुरंत बाद बीच मैदान जो हुआ वह जेंटलेंस गेम कहलाए जाने वाले क्रिकेट के लिए किसी बदनुमा दाग से कम नहीं।
दरअसल, बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी की। विश्व चैंपियन बनते ही बांग्लादेशी खिलाड़ियों में से एक भारतीय खिलाड़ी के पास पहुंचा और अकड़कर खड़ा हो गया। यहीं नहीं उसने उकसाने वाले बयान दिए। भारतीय खिलाड़ियों ने उसे हाथ से दूर हटाया। अंपायर ने दोनों को एक-दूसरे से अलग किया। दक्षिण अफ्रीक के पूर्व क्रिकेटर जेपी डुमिनी ने वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है।
पूरे घटनाक्रम को लेकर बांग्लादेशी कप्तान अकबर अली ने मैच के बाद खेद भी जताया। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अली ने कहा कि, ‘ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा हमें किसी भी स्थिति में विपक्ष और खेल का सम्मान करना चाहिए। अकबर ने कहा, ‘यह सपना पूरा होने जैसा है। हमने पिछले दो साल में बहुत मेहनत की है और यह उसी का नतीजा है।’ कहा जा रहा है कि आईसीसी (ICC) ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।
मैच के दौरान भी कई बार बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने भारतीय खिलाड़ियों से स्लेजिंग की। बांग्लादेशी बॉलर्स जानबूझकर बिना किसी जरूरत के बल्लेबाज की ओर थ्रो मार रहे थे। भारतीय बल्लेबाजों के आउट होने पर अभद्र इशारे भी कर रहे थे। बांग्लादेश के जीत के करीब पहुंचने के बाद भी पेसर इस्लाम को कैमरे के सामने गालियां देते हुए देखा गया। मैच के बाद भारत के कप्तान प्रियम गर्ग ने कहा कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों का काफी गंदा व्यवहार था।
मैच की बात करें तो पहली बार फाइनल में पहुंचे बांग्लादेश ने टॉस जीतकर भारत को बल्ला थमाया। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले भारतीय बल्लेबाज पूरे 50 ओवर्स भी नहीं खेल पाए और महज 177 रन पर सिमट गए। टीम इंडिया की ओर से यशस्वी जायसवाल ने सर्वाधिक 121 गेंदों में 88 रन बनाए। जवाब में गेदबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अपना पांचवां टूर्नामेंट जीतने के लिए जान लगी दी। मैच उस समय रोमांचक मोड़ पर खड़ा था, जब 41 ओवर्स में बांग्लादेश ने सात विकेट पर 163 रन बना लिए थे, तभी बारिश ने खेल रोक दिया। फिर डकवर्थ-लुईस नियम के आधार पर बांग्लादेश को तीस गेंदों में सात रन का संशोधित लक्ष्य मिला, जिसे उसने 23 गेंद शेष रहते ही पा लिया और सात विकेट से पहली बार अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीता।