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महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल ने सेना दिवस पर पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व किया

देश भर में आज 72वां सेना दिवस मनाया जा रहा है और इस बार का सेना दिवस कुछ खास है। इस सेना दिवस पर पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व किया। तानिया शेरगिल सेना के सिग्नल कोर में कैप्टन हैं। आपको बता दें कि तानिया चौथी पीढ़ी की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्हें पुरुषों के परेड के नेतृत्व का मौका मिला है। 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में भी कैप्टन तानिया ही सेना का नेतृत्व करेंगी।

तानिया ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशंस में बीटेक करने वाली तानिया शेरगिल मार्च 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से सेना में शामिल हुई थीं। इससे पहले पिछले साल कैप्टन भावना कस्तूरी गणतंत्र दिवस पर सभी पुरुषों का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं। तानिया शेरगिल का पूरा परिवार सेना में काम कर चुका है। उनके पिता तोपखाने (अर्टिलरी), दादा बख्तरबंद (आर्मर्ड) और परदादा सिख रेजिमेंट में पैदल सैनिक (इन्फेंट्री) के तौर पर सेवा दे चुके हैं।

फील्ड मार्शल करियप्पा के सम्मान में सेना दिवस
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे जिन्होंने 15 जनवरी 1949 में सर फ्रैंसिस बुचर से प्रभार लिया था।  करियप्पा ने 1947 में पश्चिमी सीमा पर भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वह 14 जनवरी 1986 को फील्ड मार्शल का खिताब प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति थे। 1973 में भारत के पहले फील्ड मार्शन बनने का सम्मान सैम मानेकशॉ को है।
1985 :  एक अप्रैल को आधिकारिक रूप से भारतीय सेना का गठन किया गया
1949 : आजादी के बाद सेना को अपना पहला प्रमुख मिला

मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में 
– दिल्ली में सेना कमान मुख्यालय के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके सेना दिवस को मनाया जाता है
– दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में हमेशा मुख्य कार्यक्रम होता है। इस दौरान शानदार सैन्य झलकिया दिखाई जाती हैं
– भारतीय सेना प्रमुख के सलामी लेने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत होती है। सेना पदक जैसे बहादुरी पुरस्कार भी इस दिन वितरित किए जाते हैं
– सेना दिवस पर पर देश के उन बहादुर और साहसी सैनिकों को याद किया जाता है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी

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