उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार के ‘इलाहाबाद’ का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ रखने के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इसी विषय पर पारित निर्णय को उद्धत करते हुए कहा कि यह मामला निर्णित किया जा चुका है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने हरि शंकर पांडेय की याचिका पर दिया। याची ने इलाहाबाद का नाम बदलने संबंधी राज्य सरकार के 18 अक्टूबर 2018 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी।
याचिका में प्रयागराज नाम समाप्त करते हुए, पुनः इलाहाबाद नाम रखे जाने का परमादेश जारी किये जाने की भी मांग की गई थी। याचिका में राज्य सरकार के निर्णय को मनमाना बताया गया था। याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि इसी विषय पर दाखिल एक अन्य याचिका ‘इलाहाबाद हेरिटेज सोसायटी व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य को इलाहाबाद हाईकोर्ट 26 फरवरी 2019 को ही खारिज कर चुका है। न्यायालय ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा पहले ही निर्णित किया जा चुका है लिहाजा अब इस पर आगे सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।