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मंडी के करोड़ों के निर्माण कार्यों में लूट : गोंडा-बलरामपुर

गोंडा और बलरामपुर में मंडी के करीब 15 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों में बड़ी लूट सामने आई है। इन कामों की गुणवत्ता काफी घटिया है। परियोजना पूरी करने की टाइम लाइन का भी ध्यान नहीं रखा गया। मंडी परिषद के स्थानीय अधिकारियों पर ठेकेदार हावी हैं।

एनजीटी के मानकों तक का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ठेकेदारों का भुगतान और जिम्मेदार कार्मिकों का वेतन रोकने के आदेश दे दिए गए हैं। संयुक्त निदेशक, निर्माण समेत सभी संबंधित अधिकारियों और अभियंताओं से जवाब तलब किया जा रहा है।

निर्माण कार्यों में अराजकता का खुलासा मंडी निदेशक जेपी सिंह की अत्यधिक गोपनीय रिपोर्ट में किया गया है। चूंकि मंडी परिषद के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ हैं, इसलिए मुख्यालय के अधिकारी भी इस मामले में पूरी गोपनीयता और सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

नवीन मंडी स्थल, बलरामपुर के आधुनिकीकरण के लिए दिसंबर 2017 में 11.15 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई थी। 24 नवंबर 2019 तक निर्माण कार्य पूरा किया जाना है, लेकिन अभी तक आधा काम भी नहीं हुआ है। बलरामपुर मंडी में दो महीने पहले बैंक की जिस बिल्डिंग को दुरुस्त कराया गया था, उसकी छत से पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा।

रिपोर्ट के अनुसार, पूरा मंडी स्थल गंदगी से अटा पड़ा है। नालियां भी चोक हैं। ठेकेदार पहले दिन से ही स्वीकृत निर्माण कार्यों में कोई रुचि नहीं ले रहा। बैंक की बिल्डिंग की तरह ही अब तक हुए प्रत्येक निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। मंडी के जिन अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है, वे कोई भी मुआयना रिपोर्ट नहीं दिखा सके।

इस मामले में मंडी सचिव और अवर अभियंता को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि देने और उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इन दोनों ही अधिकारियों का काम निम्न दर्जे का पाया गया। अवर अभियंता सुजीत कुमार को कहा गया है कि जब तक निर्माण कार्य पूरा न हो, तब तक वे बलरामपुर में ही कैंप करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अत्यंत खेदजनक है कि संयुक्त निदेशक, निर्माण ने इतनी बड़ी परियोजना का न तो निरीक्षण किया और न ही मुख्यालय को कोई रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन्हें भी कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कराए गए कामों की गुणवत्ता सुनिश्चित होने तक ठेकेदार को भी कोई पेमेंट नहीं होगा।

करनैलगंज मंडी के निर्माण कार्य भी घटिया

गोंडा की कृषि उत्पादन मंडी समिति, करनैलगंज के आधुनिकीकरण के लिए फरवरी 2018 में 3.58 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई थी। 16 नवंबर तक काम पूरा किया जाना है, पर अभी तक 70 फीसदी काम ही हुआ है। इन कामों की गुणवत्ता अत्यंत खराब है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां के अभियंताओं ने पूरी तरह से ठेकेदार के सामने समर्पण कर दिया है। ठेकेदार मनमाने ढंग से काम कर रहा है। नीलामी चबूतरा का रेखांकन तक ठीक नहीं है। ठेकेदार ने कोई टेक्नीकल स्टाफ भी नहीं रखा है। संयुक्त निदेशक, निर्माण समेत स्थानीय अधिकारियों का सुपरविजन भी अत्यंत घटिया होने के कारण चिंताजनक है।

निदेशक मंडी के मुआयने के दौरान सिर्फ 8 मजदूर काम कर रहे थे। ऐसे तो यह काम लंबे समय तक पूरा नहीं हो पाएगा। इस मामले में भी संयुक्त निदेशक, निर्माण और उप निदेशक, निर्माण से जवाब तलब के आदेश दे दिए गए हैं। अवर अभियंता एवं सहायक अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी से प्रस्ताव मांगा गया है।

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