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43 साल बाद पुनपुन नदी में रिकॉर्ड जलस्तर

बिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ और जलजमाव से राहत मिली नहीं और पुनपुन नदी में पानी बढ़ने से मुसीबतें बढ़ गई है। पुनपुन नदी पर रेल पुल के गार्डर पर पानी चढ़ गया है, जिससे पटना-गया रेल रूट पर परिचालन रोक दिया गया है। इसके अलावा बख्तियारपुर-राजगीर रूट पर भी परिचालन रोक दिया गया है।

गुरुवार की शाम पुनपुन का जलस्तर 53.60 मीटर हो गया था। साल 1976 में जलस्तर 53.91 मीटर हो गया था, जो अब तक रिकॉर्ड है। 1976 के बाद 43 सालों में पहली बार नदी का जलस्तर इतना ऊपर गया है। वर्ष 1976 में पुनपुन से आई बाढ़ ने पटना में तबाही मचाई थी।

दुर्गा पूजा के बीच दोनों रेलवे रूटों पर फिलहाल ट्रेनें रोक दिए जाने से लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। इन दोनों रेल रूटों से होकर लंबी दूरी की ट्रेनें भी गुजरती है। ऐसे में परिचालन रोक दिए जाने से रांची, धनबाद, कोलकाता, वाराणसी जानेवाले यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। दानापुर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि ट्रैक से पानी उतरने के बाद ही इन दोनों रूटों पर ट्रेन सेवा शुरू होगी।

पटना में जलजमाव से जूझ रहे लोग

पटना में जलजमाव से राहत दिलाने के लिए प्रशासन पंप मंगवाकर पानी निकलवा रहा है, लेकिन कई इलाकों में लोगों को राहत नहीं मिल पाई है। पटना के पाटलिपुत्रा कॉलोनी में जलजमाव के बीच ट्रैक्टर लोगों के आने-जाने का साधन बना हुआ है।

वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास वाले क्षेत्र राजेंद्रनगर में लोगों ने वाहन के पहियों के ट्यूब और बांस की टाटी के सहारे जुगाड़ बना कर आना-जाना कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि पानी निकालने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।

जलजमाव के बीच बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस आशंका को देखते हुए शनिवार को राजेंद्र नगर इलाके में जमे पानी में रसायन का छिड़काव किया गया। नगर निगम के अधिकारी सौरव कुमार ने कहा कि पानी की दुर्गंध दूर करने और बीमारी फैलाने वाले कीड़ों को नष्ट करने के लिए रसायन का छिड़काव किया जा रहा है।

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