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रेल निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मियों ने किया विरोध मार्च

रेल निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के नेतृत्व में लोको पायलटों और गार्ड ने कैंट स्टेशन पर विरोध मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। लखनऊ से दिल्ली के बीच आईआरसीटीसी के जरिये चली पहली तेजस ट्रेन का विरोध किया गया। इसे रेलवे के निजीकरण की दिशा में पहला कदम बताते हुए कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया।

प्लेटफार्म नंबर पांच पर हुई सभा में एसोसिएशन के सचिव एसएस हांडा ने कहा कि तेजस के संचालन के साथ अब निजीकरण के रास्ते खुल गये हैं। इससे रेल कर्मचारियों की जरूरी सुविधाओं में कटौती तो होगी ही, युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ेगा। रेलवे में भी स्थायी नौकरियों की कमी आयेगी। एनई रेलवे के मंडल सचिव केपी यादव, सतीश कुमार सिंह, मानिक चंद, रविंद्र यादव आदि ने भी विचार रखे। प्रदर्शन में डीरेका के कर्मचारी नेता भी शामिल हुए और डीरेका के निगमीकरण के प्रस्ताव का विरोध किया।

वहीं, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के नेतृत्व में कर्मचारियों ने तेजस के विरोध में शुक्रवार को मंडुवाडीह स्टेशन पर काली पट्टी बांध कर काम किया। कहा कि यह भारतीय रेलवे के लिए काला दिवस है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अखिलेश पांडेय, अब्दुल शेख, मंडल मंत्री दुर्गेश पांडेय आदि मौजूद रहे।

लखनऊ से दिल्ली के लिए शुरू हुई है तेजस एक्सप्रेस

देश की कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है। लखनऊ जंक्शन से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रवाना किया। ये ट्रेन लखनऊ-दिल्ली और मुम्बई-अहमदाबाद के बीच चलेगी। हफ्ते में 6 दिन चलने वाली तेजस एक्सप्रेस का संचालन और टिकटिंग का सारा ज़िम्मा आईआरसीटीसी के पास है। ट्रेनों की लेट लतीफी को देखते हुए इस ट्रेन में यात्रियों को मुआवज़े का प्रावधान रखा गया है.

आईआरसीटीसी ने दावा किया है कि अगर तेजस एक्सप्रेस एक घण्टे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 100 रुपये और 2 घंटे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 250 रुपये तक का रिफंड यात्रियों को दिया जाएगा। साथ ही मुफ़्त में यात्रियों को 25 लाख रुपये तक यात्रा बीमा भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस सबके ज़रिए आईआरसीटीसी यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेगी।

तेजस एक्सप्रेस की ख़ासियतों की बात करें तो शताब्दी से थोड़ी ज़्यादा सुविधा इसमें दी गई है। इसमें एक्ज़ीक्यूटिव और चेयर क्लास श्रेणी की बोगियां हैं। एक्ज़ीक्यूटिव क्लास की एक बोगी में 52 और चेयर कार की बोगी में 78 सीटें लगाई गई है। लेदर की सीट आरामदायक है। साथ ही विमान जैसी सुविधा देने के लिए सीटों के ऊपर रीडिंग लाइट और अटेंडेंट कॉल बटन दिया गया है।हर बोगी में तैनात ट्रेन हॉस्टेस बटन दबाने पर आपके पास आएंगी। पढ़ने के लिए रीडिंग बटन दबाकर आप बिना किसी और को डिस्टर्ब किये किताबें पढ़ सकते हैं।

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