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नींद तो नहीं वजह बच्चे के फिसड्डी होने के पीछे

अगर आप भी अपने बच्चे की परीक्षा में कम अंक लाने से परेशान हो चुके हैं तो उसकी दिनचर्या पर थोड़ा ध्यान दीजिए। जी हां देखिए आखिर आपका बच्चा पूरे दिन में कितने घंटे सोता है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि जो छात्र रात में कम से कम सात घंटे की नींद पूरी करते हैं, उनके परीक्षा में अच्छे अंक आते हैं।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो छात्र छह या साढ़े छह घंटे की नींद लेते हैं, उनके अंक उन छात्रों की तुलना में 50 प्रतिशत तक कम आते हैं, जो उनसे सिर्फ एक घंटे की अधिक नींद लेते हैं। हालांकि जो छात्र रात को दो बजे के बाद सोते हैं और पूरी सात घंटे की नींद पूरी करते हैं, उनका प्रदर्शन भी परीक्षा में खराब रहता है।

इससे पता चलता है कि सोने के समय का भी प्रदर्शन पर पूरा प्रभाव पड़ता है, भले ही छात्र ने पूरी सात घंटे की नींद ही क्यूं न ली हो।  मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) की टीम ने नींद और प्रदर्शन को लेकर यह अध्ययन किया और पता लगाया कि कम सोना किस प्रकार से हानिकारक है और यह किस तरह से छात्र की सफलता पर अपना प्रभाव डालता है।

यह अध्ययन द जर्नल साइंस ऑफ लर्निंग में प्रकाशित किया गया है। वास्तव में यह अध्ययन शारीरिक व्यायाम और अकादमिक प्रदर्शन के बीच संबंध की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया गया था। इस दौरान एमआईटी के रसायन विज्ञान वर्ग के छात्रों को फिटबिट्स पहनाई गईं।

पूरी नींद लेने से परीक्षा में बेहतर अंक आते हैं-
पूरी नींद लेने वाले छात्रों ने अपनी कक्षा की 11 प्रतिस्पर्धाओं, तीन मध्यावधि परीक्षाओं और अंतिम परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त किए। ग्रासमैन ने कहा कि किसी बड़ी परीक्षा के दौरान अच्छी और पूरी नींद लेने वाले छात्रों के अंक उन छात्रों की अपेक्षा 50 फीसदी अच्छे आते हैं, जो परीक्षा की घबराहट, अन्य कारणों से सात घंटे से कम नींद लेते हैं।

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