अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर म्यूचुअल फंड निवेशकों पर भी हुआ है। पांच साल के औसत रिटर्न की बात करें तो पीपीएफ ने म्यूचुअल फंड को पीछे छोड़ा दिया है।
पीपीएफ ने2014-19 के दौरान 8.21% औसत रिटर्न दिया है। वहीं लॉर्ज कैप म्यूचुअल फंड ने 7.79% औसत रिटर्न दिया है। मिडकैप, स्मॉलकैप ने मामूली बेहतर प्रदर्शन कर क्रमश: 9.51% और 9.39% की दर से रिटर्न दिया। बिना जोखिम वाले पीपीएफ में अधिक रिटर्न मिला।
घबराने की जरूरत नहीं
विशेषज्ञों ने कहा कि म्यूचुअल फंड में रिटर्न गिरने का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खत्म हो गया है। आप 2002-03 के दौरान देखे तो जीडीपी की दर निचले स्तर पर थी लेकिन इक्विटी निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिला। जब बाजार में शेयरों का मूल्यांकन आकर्षक होता है तो म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक यूनिट अलॉट होता है। वर्तमान में वही स्थिति है। आने वाले समय में इसका फायदा निवेशकों को मिलेगा।
प्रयासों का असर दिखने में समय लगेगा
सकरार ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती खत्म करने के लिए कई कदम उठाएं हैं। इनका असर आने में अभी समय लगेगा। इसके साथ ही सरकार को कई मोर्चे पर और पुख्ता कदम उठाने होंगे। इसके बाद ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेजी होगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होगी तो शेयर बाजार में भी तेजी आएगी।
एसआईपी बेहतर तरीका
फुल सर्किल फाइनेंशियल एडवाइजर के संस्थापक कल्केश अशर के अनुसार, बाजार में गिरावट का दौर हो तो एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे आसान और सही तरीका है। यह एकमुश्त रकम के मुकाबले निवेशकों को जोखिम कम करने में मदद करता है।