लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार जुटे नेताओं ने दावा किया कि महागठबंधन अटूट था, है और रहेगा। राज्य में होने वाले विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट के उपचुनाव के मद्देनजर राबड़ी आवास 10 सर्कुलर रोड में मंगलवार को महागठबंधन की अहम बैठक हुई।
देर शाम शुरू हुई यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली। इस बैठक में जीतन राम मांझी, कांग्रेस के बिहार सह प्रभारी वीरेंद्र राठौड़, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी शामिल हुए।
बैठक के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सभी नेताओं की उपस्थिति में मीडिया के बीच एलान किया कि पहले एनडीए राज्य में नेता घोषित करे। अगर जरूरत होगी तो महागठबंधन भी अपने नेता की घोषणा करेगा।
मांझी ने कहा कि हम सब एक साथ है। राज्य में होने वाले उपचुनावों और विधानसभा चुनावों में महागठबंधन बना रहेगा। महागठबंधन में मतभेद की खबरें अब पुरानी बात हो चुकी है।
तेजस्वी को नेता घोषित करने के सवाल पर पहले तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी, राजद के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामचंद्र पूर्वे ने चुप्पी साध ली। जब यह सवाल बार-बार पूछा गया तो मांझी ने कहा कि समय आने पर नेता तय होगा।