प्रयागराज से सरकारी कार्यालयों को लखनऊ शिफ्ट करने और शिक्षा सेवा अधिकरण लखनऊ में स्थापित करने के विरोध में हुई जनसभा के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आम सभा में अधिवक्ताओं ने 28 अगस्त को भी न्यायिक कार्य नहीं करने का फैसला लिया।
इसके बाद बार एसोसिएशन हाल में हुई सभा में सर्व सम्मति से 28 अगस्त को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। अध्यक्ष राकेश पांडेय ने बताया कि बुधवार से कोर्ट परिसर में प्रवेश न करने और नए मुकदमे दाखिल न करने का निर्णय लिया गया है।
आम सभा में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी में पीआईएल दाखिल करने के पहलुओं पर विचार करने का निर्णय लिया गया। महासचिव जे बी सिंह ने आंदोलन को सफल बनाने के हर तरीके अपनाने पर बल दिया।
पूर्व महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने आरपार की लड़ाई जारी रखने पर बल दिया। पूर्व महासचिव अशोक सिंह, सुरेश पांडेय और एसी तिवारी ने एक्शन कमेटी बनाने और नतीजा मिलने तक आंदोलन जारी रखने का सुझाव दिया।
उन्होंने बार सदस्यों से प्रतिदिन हाईकोर्ट गेट पर एकत्र होने की अपील की। राम अवतार वर्मा ने भी आंदोलन को धार देने का सुझाव दिया। पूर्व अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव ने कहा कि राज्य सरकार की मनमानी न्यायपालिका को कमजोर कर रही है।
पूर्व अध्यक्ष आरके ओझा ने कहा कि बार कार्यकारिणी आंदोलन का नेतृत्व करे। वरिष्ठ वकीलों के सुझावों पर चर्चा कर अमल किया जाए। ओझा ने कहा कि हम जनतांत्रिक देश हैं।
हम गांधी के असहयोग आंदोलन को अपनाकर कोर्ट को सहयोग देने से इंकार कर उद्देश्य प्राप्त कर सकते है। किसी को डरने की जरूरत नही । जेल का भय हमें उचित मांग मनवाने से रोक नहीं सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेकर वार्ता करने का सुझाव दिया।