हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (हैट) के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन दो फाड़ हो गई है। पिछले 21 दिनों से हड़ताल चल रही है। अब कई सदस्यों ने हड़ताल को लेकर अलग रुख अपना लिया है। बुधवार को ढाई सौ अधिक वकीलों एक हस्ताक्षर अभियान चलाकर यह निर्णय कर लिया है कि वे हड़ताल खत्म कर अदालतों में पेश होंगे। हालांकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपीएस रंधावा ने ऐसा नहीं करने की अपील भी की, लेकिन अब कुछ वकीलों ने इस हड़ताल से अपने को अलग करते हुए अदालती कामकाज में शामिल होने का निर्णय ले लिया है।
पिछले कुछ समय से हड़ताल को लेकर वकील बंटे हुए नजर आ रहे थे। लेकिन मंगलवार को बार एसोसिएशन की बैठक में भी कुछ वकील इस हड़ताल को वापस लेने के हक में थे। ज्यादातर वकीलों द्वारा हड़ताल को जारी रखे जाने के निर्णय के चलते उन्हें भी इस फैसले में शामिल होना पड़ा। अब 250 से अधिक वकील हस्ताक्षर अभियान में शामिल हो चुके हैं जिनमे कई सीनियर एडवोकेट भी हैं।
वहीं, मंगलवार देर रात एडवोकेट अमर विवेक के नाम से भी एक ओपन लेटर जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हाई कोर्ट द्वारा ट्रिब्यूनल की नोटिफिकेशन को फिलहाल स्थगित करने और हरियाणा सरकार द्वारा मामले में कमेटी गठित करने के बाद अब इस हड़ताल को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह 16 अगस्त से अपनी ओर से हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पेश होंगे फिर चाहे इसके लिए उन्हें हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता से इस्तीफा ही क्यों न देना पड़े।
वकीलों के इस फैसले के चलते अब अब हाईकोर्ट बार एसोसिएशन दो फाड़ हो गई है। शुक्रवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को हाई कोर्ट को यह बताना है कि वह कोर्ट के गेट नंबर 1 से हटेंगे या नहीं। ऐसे में वकीलों का बार से अलग निर्णय इस मामले में बेहद अहम होगा।