भारतीय क्रिकेट की सबसे रोमांचक स्टोरी थी, मुंबई से एक प्रतिभाव युवा क्रिकेटर का जन्म और अपने पीढ़ी के बेस्ट क्रिकेटर के रूप में उसका विकसित होना। सचिन तेंदुलकर एक प्रतिभाशाली किशोर के रूप में उभरे। जिनके लिए रन लेना मानो सांस लेने की तरह था। देखते ही देखते वह युवाओं को प्रेरित करने वाले सबसे बड़े सुपर स्टार बन गए, लेकिन यदि उन्हें सही अवसर नहीं मिला होता तो क्या वह ऐसा कर पाते। सचिन तेंदुलकर को पहली बार मौका देने वाले मिलिंद रेगे ने अब 30 साल बाद उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर को भी मुंबई टीम में चुना है। दरअसल, मिलिंद रेगे वह चयनकर्ता हैं, जिन्होंने सचिन और अर्जुन दोनों का टीम में चुनाव किया है। 30 साल पहले पिता का और और अब बेटे का।
स्कूली स्तर पर ही सचिन अपनी उम्र के क्रिकेट में नए-नए रिकॉर्ड बनाकर सुर्खियां बटोर रहे थे, लेकिन उनके जीवन में बड़ा अवसर उस समय आया जब उन्हें रणजी ट्रॉफी में गुजरात के खिलाफ सबसे युवा क्रिकेटर के रूप में डेब्यू करने का मौका 1988 में मिला। एक साल के भीतर ही इस क्रिकेटर ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य चयनकर्ता नरेन ताम्हाणे ने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट कैप दी। इस समिति में मुंबई के पूर्व रणजी कप्तान मिलिंग रेगे भी शामिल थे। इसके 30 साल बाद रेगे वर्तमान में मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य चयनकर्ता हैं और अब उन्होंने सचिन के पुत्र अर्जुन तेंदुलकर को मुंबई टीम में विज्जी ट्रॉफी के लिए चुना है।
बीसीसीआई द्वारा आयोजित यह टूर्नामेंट अंडर-23 है। यह लीजेंड पुत्र के लिए अगला कदम हो सकता है। अर्जुन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने बीते मंगलवार को वनडे के लिए जो टीम घोषित की है, उसमें अर्जुन का नाम शामिल है। अर्जुन अब तक मुंबई लीग में टी-20 खेल चुके हैं। उन्हें पांच लाख रुपए में खरीदा गया था।
मिलिंद रेगे ने अर्जुन तेंदुलकर के सलेक्शन के बाद इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ”मुझे याद नहीं पड़ता कि कोई ऐसा चयनकर्ता होगा, जिसने पिता और पुत्र दोनो को चुना हो। यह संयोग है कि ये दोनों ही तेंदुलकर हैं।” रेगे जूनियर तेंदुलकर की तेज गेंदबाजी से खासे प्रभावित हैं। इसी वजह से उन्होंने अर्जुन को टीम में चुना है।’
उन्होंने कहा, ”फिलहाल हम ऐसे खिलाड़ियों को देख रहे हैं, जो तेज गेंदबाजी कर सकें। हाल ही में मैंने उन्हें इंग्लैंड में एमसीसी सेकेंड इलेवन में खेलते हुए देखा, जहां उन्होंने 23 विकेट ली। उन्होंने ऐज ग्रुप क्रिकेट में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। सभी चयनकर्ताओं ने उन्हें खेलते देखा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मैं इंचार्ज हूं और किसी को विशेष ट्रीटमेंट नहीं मिल सकता।