लोकसभा में मंगलवार को अनुच्छेद 370 पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस दिशाहीन नजर आई। पार्टी के वक्ताओं ने जहां एक ओर पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू को हर मामले में महिमामंडन किया, वहीं पहले गृह मंत्री सरदार पटेल से किनारा करती नजर आई। इसी दौरान भाजपा ने बेहद आक्रामक तरीके से सरदार पटेल का बचाव किया तो नेहरू पर जम कर निशाना साधा।
चर्चा के दौरान भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए उन्हीं की पाटी के नेताओं नेहरू, सरदार पटेल और भीमराव अंबेडकर का सहारा लिया। हालांकि एक बार सदन में जबर्दस्त हंगामा तब हुआ जब नेशनल कांफ्रेंस के सांसद ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अनुच्छेद 370 का समर्थक बता दिया।
चर्चा में भाग लेने वाले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर ने इस दौरान नेहरू का जम कर महिमामंडन किया। तिवारी ने इस दौरान सैंकड़ों रियासतों का भारत में विलय का जिक्र करते हुए सरदार पटेल की भूमिका की चर्चा तक नहीं की। उन्होंने खासतौर पर जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की चर्चा करते हुए इसका सारा श्रेय नेहरू को दिया। उन्होंने कहा कि उस दौरान हैदराबाद और जम्मू कश्मीर में फौज भेजने वाले नेहरू थे। अगर ये रियासत वर्तमान में भारत का हिस्सा हैं तो इसका श्रेय नेहरू को जाता है।
इस पर गृह मंत्री अमित शाह तत्काल तंज कसना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि भले ही आप श्रेय नेहरू को दें, मगर दुनिया जानती है कि रियासतों के भारत में विलय में सरदार पटेल की ही भूमिका थी। बस एक जम्मू कश्मीर मामला उनके हाथ में नहीं था जो अब तक देश का सिरदर्द बना हुआ है। भाजपा नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेस पर हमला बोलने के लिए उन्हीं की पार्टी के नेताओं का सहारा लिया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि खुद नेहरू ने जिस अनुच्छेद को अस्थाई बताया था, अंबेडकर ने जिसका विरोध किया था, कांग्रेस आज उसी अनुच्छेद के बचाव में खड़ी है। सिंह ने कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस के ही अधूरे एजेंडे को पूरा कर रही है, मगर खुद कांग्रेस अपने ही एजेंडे के विरोध में खड़ी हो गई है।