उन्नाव मे किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद विधायक के भाई पर 18 जुलाई 2004 में तत्कालीन एएसपी रामलाल वर्मा को गोली मारने का आरोप लगा था। एएसपी की तहरीर पर गंगाघाट थाने में विधायक के भाई समेत 20 लोगों पर जानलेवा हमला, 7 क्रिमिनल एक्ट में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी।
हालांकि चार्जशीट लगने के बाद मुकदमे की फाइल ही गायब हो गई। जिससे मामला रफा दफा हो गया। एएसपी को गोली मारने के आरोपी व विधायक का भाई किशोरी के पिता की हत्या के आरोप में इस समय जेल में है।
वर्ष 2004 में गंगाघाट क्षेत्र में खनन के एक मामले की जांच करने पहुंचे एएसपी रामलाल को गोली मार दी गई थी। इसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह समेत 20 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। हालांकि चार्जशीट लगने के बाद इस घटना की केस डायरी ही गायब हो गई थी।
2018 में जब विधायक कुलदीप पर दुष्कर्म व दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या कराने के आरोप लगे थे तब एएसपी कांड फिर चर्चा में आया था। सीबीआई ने भी इस मामले की जानकारी ली थी। जिसमें पुलिस अधिकारियों का कहना था कि केस डायरी गायब होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जांच जघन्य अपराध शाखा से हो रही है। एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि उस मुकदमे की जानकारी नहीं है।
आईपीएस को लगानी पड़ी आरटीआई
जिन एएसपी रामलाल वर्मा को गोली मारी गई थी, उन्हें आईपीएस संवर्ग मिल चुका है। अपने केस की जानकारी जब उन्होंने की तो उन्हें पता चला कि केस डायरी गायब हो गई है। केस डायरी न मिलने पर उन्होंने जब जानकारी मांगी तो उन्हें जवाब नहीं मिला। इस पर उन्हें आरटीआई की मदद लेनी पड़ी थी।