प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 50 दिनों में देश को पांच लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने और देश की आर्थिक रफ्तार को गति देने को प्राथमिकता दी है। इसके लिए कई सुधार के कदम उठाए गए हैं। यह जानकारी रविवार को सरकार के नीति निर्माण से जुड़े दो अधिकारियों ने दी।
इन अधिकारियों का कहना है कि सरकार का मानना है कि आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास के जरिए ही परिवर्तनकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। इनका कहना है कि सरकार ने न सिर्फ घरेलू मोर्चे पर बल्कि विदेश नीति के मोर्चे पर भी तेजी से कदम उठाए हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, मोदी सरकार ने दोबारा सत्ता संभालने के पहले ही दिन से अपने संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) के वादों को पूरा करने के लिए एलान किए हैं।
इसमें किसानों, छोटे व्यापारियों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का सभी किसानों को देना, जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना शामिल है। साथ ही संसद में पेश किए गए बजट में देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ की बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के इरादे भी प्रकट किए गए।
किसान हित में फैसले
सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना का विस्तार करते हुए देश के करीब 6 करोड़ किसानों को इसमें शामिल किया। कम लागत और ज्यादा पैदावार के लिए पारंपरिक के साथ ही आधुनिक तरीकों से खेती करने पर जोर दिया है। वित्त वर्ष 2019-20 में कृषि-ग्रामीण इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए 75 हजार एंटरप्रेन्योर को एस्पायर स्कीम के तहत मदद दी जाएगी। 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशनों का गठन किया जाएगा। यह संस्था किसानों को जागरूक करेगी और कृषि सुधार की मुहिम से जोड़ेगी।