योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद पर अमेरिकी खाद्य विभाग केस दर्ज कर सकता है। इसके अलावा कंपनी पर तीन लाख डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा अमेरिका में कंपनी के दो शर्बत ब्रांड की बिक्री पर रोक लग सकती है।
यह है मामला
कंपनी के दो शर्बत ब्रांड पर अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने आहार और औषधि संबंधी अलग-अलग दावे पाए हैं। यूएसएफडीए ने इस बाबत एक रिपोर्ट भी जारी की है।
भारत में दावे ज्यादा
अमेरिकी विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी द्वारा भारत में बेचे जाने के लिए तैयार किए गए दो शर्बत उत्पादों पर लगे लेबल पर ‘‘अतिरिक्त औषधीय एवं आहार संबंधी दावे’’ पाए गए जबकि अमेरिका निर्यात किए जाने वाली बोतलों पर ऐसे दावे कम थे।
अमेरिका में अलग बेंचमार्क
यूएसएफडीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निर्यात किए जाने वाले और भारत में बिकने वाले उत्पादों के लिए कंपनी अलग-अलग उत्पादन और पैकेजिंग करती है। अमेरिका के खाद्य सुरक्षा कानून भारतीय कानूनों की तुलना में ज्यादा सख्त हैं।
बंद हो सकती है अमेरिका में बिक्री
रिपोर्ट के मुताबिक यदि यह पता चलता है कि पतंजलि ने अमेरिका में गलत तरीके से उत्पाद बेचे हैं तो यूएसएफडीए उस उत्पाद की बिक्री बंद करने के लिए चेतावनी-पत्र जारी कर सकता है। इसके अलावा विभाग कंपनी के उक्त उत्पाद की पूरी खेप की जब्ती और संघीय अदालत में कंपनी के खिलाफ रोक का आदेश पारित करा सकता है।
दर्ज हो सकता है मुकदमा, जुर्माना
विभाग कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा और पांच लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगा सकता है। इसके अलावा कंपनी के अधिकारियों को तीन साल की सजा हो सकती है। यूएसएफडीए की तरफ से मॉरीन ए वेंटजेल नाम के एक जांच अधिकारी ने पिछले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की हरिद्वार स्थित फैक्ट्री का निरीक्षण किया था।
इन शर्बत की बिक्री पर लग सकती है रोक
वेंटजेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू और अमेरिकी बाजारों में ‘बेल शर्बत’ और ‘गुलाब शर्बत’ और लेबल पर औषधीय और आहार संबंधी दावे अलग-अलग हैं। पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने पीटीआई की ओर से इस रिपोर्ट के बाबत पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।