भारतीय टीम जब भी किसी अहम और लंबे टूर पर विदेशों में सीरीज खेलने जाती है, तो अक्सर बीसीसीआई खिलाड़ियों की पत्नियों को साथ ले जाने के मामले पर फैसला करता है। बीसीसीआई के मैनेजमेंट से मंजूरी मिलने के बाद ही खिलाड़ी अपने परिवार के साथ टूर पर जाते हैं। खिलाड़ियों की यह चिंता अब दूर हो गई है।
बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति ने इसपर फैसला लेने का अधिकार टीम इंडिया के कोच और कप्तान को दे दिया है। सीओए के ताजा आदेश के अनुसार अब कोच और कप्तान ही इसका निर्णय करेंगे, क्रिकेट के दौरे पर खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियां जाएंगी या नहीं। दूसरा ये खिलाड़ियों के फैमिली क्लॉज कॉन्ट्रैक्ट में साफ तौर पर होना चाहिए। अब देखना होगा कि अगामी वेस्टइंडीज दौरे के लिए कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली क्या फैसला लेते हैं।
सीओए ने अपने इस फैसले पर कहा है कि, ‘बीसीसीआई मैनेजमेंट ने पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स के मामले पर फैसले लिए। यहां पर ये नोट करने की जरूरत है कि बीसीसीआई के संविधान में क्रिकेट और गैर क्रिकेट मामलों को अलग रखने की जरूरत है।’
मालूम हो कि साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर बेहद खराब प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड की नीति अपनाई और कुछ समय के लिए ही पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स को खिलाड़ियों के साथ विदेश दौरे पर जाने जाने की अनुमति दी थी। विराट कोहली को अनुष्का शर्मा को साथ इंग्लैंड ले जाने पर मीडिया में काफी बवाल मचा था। उस वक्त अनुष्का और विराट कोहली की शादी नहीं हुई थी।