बिहार में कोरोना फर्जीवाड़े की जांच को लेकर राजनीति चरम पर सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज।
देशभर में जारी कोरोना महामारी के मध्य बिहार में कोरोना फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोरोना घोटाला सामने आने के बाद से सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गया है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है। कि अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जांच करा रहे हैं। सच यह है। कि छोटे कर्मचारियों को बर्खास्त कर मामले की लीपापोती में जुटे हैं।
अब सीएम नीतीश कुमार धन उगाही कर जेडीयू को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचाएंगे। नीतीश कुमार की यही स्थापित नीति, नीयत और नियम है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है। कि बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही।
वहीं इस मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच के नाम पर वो घोटाले से सरकार को बचाने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी करेंगे। घोटाले में शामिल होने से इनकार करने पर 3 स्वास्थ्य सचिवों को बतौर हटा दिया। नए सिरे से इस मामले की जांच उन अधिकारियों को दी है जो आंकड़ों की बाजीगिरी करने के लिए जाने जाते हैं। कुल मिलाकर नीतीश कुमार मामले को दबाने की कोशिश कर रहें हैं।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ