दहशतगर्द विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण के साथ कारोबारियों का भी साथ मिला। शहर से लेकर दिल्ली, फरीदाबाद और मध्य प्रदेश में उसको इन्हीं लोगों ने संरक्षण दिया। फरार करने में मदद की और एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाने में भी साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विकास की गिरफ्तारी के बाद यूपी से लेकर मध्य प्रदेश के कई नेता और कारोबारी रडार पर आ गए हैं।
विकास दुबे की राजनीति में अच्छी पैठ है। प्रदेश के बड़े नेताओं से भी संपर्क है। कई नेता, विधायक उसके घर पर जाकर हाजिरी तक लगाते थे। इससे संबंधित तमाम फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नेताओं का वह बेहद करीबी है। वह खुद और उसकी पत्नी राजनीति में है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में उसने बताया कि वारदात के बाद अपने करीबी नेताओं और कारोबारियों से उसने संपर्क किया। उन्हीं में से किसी ने गाड़ी तो किसी ने रहने का ठिकाना बताया। जिन-जिन के साथ विकास की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं, वो भी एसटीएफ की रडार पर हैं। पुलिस या एसटीएफ उनसे कभी भी पूछताछ कर सकती है। कुछ से पूछताछ जारी भी है।
सत्ताधारी नेता भी रडार पर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद विकास कई सत्ताधारी नेताओं के भी संपर्क में रहा है। पूछताछ में भी उसने इस संबंध में जानकारी दी है। नाम भी बताए हैं। कानपुर पुलिस और एसटीएफ इस बारे में विस्तार से खंगाल रही है। 50 से अधिक लोगों के नंबरों की सीडीआर खंगाली जा रही है।
कारोबारी जमात ने भी खूब मदद
विकास की कई कारोबारी लगातार मदद करते रहे हैं। वारदात के बाद भी वो उसकी मदद में जुटे थे। इसमें शहर के एक बड़े कारोबारी का भी सामने आया है। उसने सरेंडर कराने में भी मदद को पूरी व्यवस्था कर दी थी। पर, कुछ आशंकाओं के चलते विकास कोर्ट नहीं गया। ये कारोबारी पिछले दो दशकों से विकास के साथ है। कई गाड़ियां भी उसको भेंट कर चुका है।
वकील का अहम रोल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास का एक सबसे खास वकील शहर का है। वह हर कानूनी राय उसी से लेता है। वारदात के बाद उसने वकील से एक शख्स के जरिये संपर्क किया जिससे पुलिस उसको न ट्रेस कर सके। शुरू से लेकर गिरफ्तारी तक ये ही वकील रास्ता दिखाते गए जो विकास करता रहा। वकील ने स्पष्ट कहा था कि अगर यूपी में पकड़े गए तो एनकाउंटर हो जाएगा। इसलिए उसने नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी के लिए मध्य प्रदेश चुना।