उत्तर प्रदेश के आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है। उसे कल मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद यूपी एसटीएफ उसे कानपुर ला रही थी। कानपुर जिले से दो किलोमीटर दूर एसटीएफ की गाड़ी पलट गई। जिसके बाद विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विकास को मुठभेड़ में मार गिराया।
उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी एसटीएफ की टीम
यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। लेकिन सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ी में बैठा था। हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की।
जवाबी कार्रवाई में बुरी तरह जख्मी हुआ विकास
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें विकास बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। कानपुर रेंज के आईजी ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की
एसपी कानपुर वेस्ट का कहना है कि कार के पलट जाने के बाद विकास ने घायल पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी। पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा लेकिन उसने एक पुलिसकर्मी पर गोली चला दी। जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया। बाद में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। यह बयान विकास को मृत घोषित किए जाने से पहले का है।
सामने आया विकास का आखिरी वीडियो
विकास दुबे को मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश लाते समय उसका एक वीडियो सामने आया है। यूपी एसटीएफ की टीम जिस कार में विकास दुबे को यूपी ला रही थी उसे आखिरी बार रात के समय एक टोल प्लाजा से गुजरते हुए देखा गया था।
मंदिर परिसर में बैठकर रोया था विकास
उज्जैन पुलिस की पूछताछ में उसने खुलासा भी किया था कि मंदिर परिसर पहुंचकर वह खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा था। पूछताछ में विकास ने कहा कि महाकाल की शरण में आने के बाद मैं मंदिर परिसर में बैठकर बहुत रोया हूं। साथ ही बोला कि मुझे किए पर अफसोस है।
सबूत मिटाना चाहता था विकास
विकास से पूछताछ कर रही पुलिस उस वक्त हैरत में पड़ गई जब वह बोला कि मुझे पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने और उन्हें मौत के घाट उतारने पर मजबूर किया गया। विकास ने यह भी कबूला कि आठ पुलिसकर्मियों की मौत के बाद हम लोग सबूत भी मिटाना चाहते थे, इसलिए पुलिसकर्मियों के शव जलाने की फिराक में थे। शव जलाने के लिए हम तेल भी लाए थे।
पुलिसकर्मियों के शवों को जलाना चाहता था विकास
विकास ने कहा था कि उस वक्त पुलिस बल न आता तो आठों के शव जला भी देता। विकास ने बताया कि घटना से पहले मैंने अपने साथियों को हथियार के साथ बुलाया था और वारदात के बाद सभी को अलग-अलग भागने को कहा।
अब इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, प्रियंका गांधी वाड्रा और दिग्विजय सिंह ने इसपर सवाल उठाए हैं।
सरकार पलटने से बचाई गई: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने पर कहा, ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।’
अपराध को संरक्षण देने वालों का क्या: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के बाद कहा, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’
कानून ने किया अपना काम: नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने पर कहा, ‘कानून ने अपना काम किया है। यह उन लोगों के लिए खेद और निराशा का विषय हो सकता है जिन्होंने विकास दुबे की कल गिरफ्तारी और आज मौत पर सवाल उठाए हैं। एमपी पुलिस ने अपना काम किया। उन्होंने उसे गिरफ्तार करके यूपी पुलिस को सौंप दिया।’
भाजपा के ठोक दो राज में अदालत की जरूरत नहीं
राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत को लेकर कहा, ‘विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायधीशों को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में अदालतों की जरूरत ही नहीं है।’
विकास दुबे के एनकाउंटर पर शहीद सिपाही के पिता ने जताई खुशी
कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या के कुख्यात आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर पर झांसी में शहीद सिपाही सुल्तान सिंह वर्मा के पिता ने खुशी जताई है। पिता ने कहा कि एसटीएफ ने ऐसे बड़े अपराधी को मारकर बहुत अच्छा काम किया है। परिवार के साथ पूरा गांव इस एनकाउंटर पर खुश है। पुलिस ऐसे ही अपराधियों के एनकाउंटर करती रहे।