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दरअसल बिहार में संविदा आधारित नियोजन के लिए अब चरित्र एवं पूर्ववृत्त का सत्यापन जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए जरूरी जानकारी खुद अनुशंसित उम्मीदवार को देनी होगी जिनका नियोजन होना है। इस दौरान कोई उम्मीदवार यदि अपने ऊपर दायर आपराधिक मामले को छुपाता है तो उसे कदाचार माना जाएगा।
बिहार सरकार में स्वच्छ छवि के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति हो इसके लिए साल 2006 में ही नौकरी हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों के चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन का प्रावधान है। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया है जिसमें जरूरी सूचनाएं अभ्यर्थियों द्वारा स्वयं भरी जाती हैं। संविदा आधारित विभिन्न पदों पर नियोजन के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों के चरित्र और पूर्ववृत सत्यापन कराने का मामला सरकार के पास विचाराधीन था। अब इसे लागू कर दिया गया है।
जिलाधिकारी भेजेंगे पुलिस को
संविदा पर नियोजन के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों को सत्यापन का फॉर्म खुद भरना होगा। इसमें उन्हें पूर्ण एवं सही सूचनाएं देनी होंगी। अभ्यर्थी को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामले की सूचना सही-सही अंकित करनी होगी। ऐसी किसी सूचना को छुपाया जाता है तो उसे संबंधित कर्मी का कदाचार माना जाएगा। फॉर्म को सत्यापन के लिए संबंधित जिला पदाधिकारी के माध्यम से पुलिस को भेजा जाएगा। चरित्र एवं पूर्ववृत्त के सत्यापित होने के बाद ही सक्षम नियुक्ति प्राधिकार की इजाजत से नियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
संवाददाता प्रशांत जोशी
द अचीवर टाइम्स लखनऊ