जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर- ए-तैयबा के आतंकियों की मदद करने वाले 2 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। आतंकियों के कब्जे से झंडे, बैनर और लेटर पैड सहित कई आपत्तिजकन चीजें बरामद की गई हैं |
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा और तहरीक-उल-मुजाहिदीन आतंकी संगठनों के आतंकियों की मदद करने वाले 2 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। वहीं अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इन दोनों को कश्मीर के बीच बडगाम जिले से गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनके पास से कई आपत्तिजनक चीजें भी बरामद की गईं हैं। पुलिस ने कहा कि बडगाम पुलिस और 53 राष्ट्रीय रायफल्स ने आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और टीयूएम के आतंकवादियों के 2 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। लेटर पैड सहित कई आपत्तिजकन चीजें भी उनके पास पायी गई है। इन दोनों की पहचान समीर अहमद इत्तू और उबैद अमीन मल्लाह के रूप में हुई है। ये दोनों कुलगाम जिले के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से झंडे, बैनर और लेटर पैड समेत कई आपत्तिजकन चीजें बरामद की गई हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह बात सामने आई है। कि ये लोग दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और कुलगाम जिलों में ग्रेनेड लगाने की घटनाओं में शामिल थे। वे अपने संचालकों के निर्देश पर मध्य और दक्षिणी कश्मीर की कई जगहों पर आतंकवादी संगठनों के पोस्टर, बैनर और झंडे भी बना रहे थे।
एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई
वहीं पुलिस ने बताया कि वे आतंकवादियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों की भर्ती करने के लिए तैयार थे। ताकि बडगाम में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके। इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि समय पर कार्रवाई करके उन्होंने इलाके में बड़ी आतंकी घटनाओं को रोक दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के सांबा जिले से लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया, जो पिछले साल कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं और एक पुलिसकर्मी की हुई हत्या में शामिल था। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने बताया कि अनंतनाग पुलिस की एक टीम ने जम्मू के सांबा से आतंकवादी संगठन लश्कर (टीआरएफ) के जहूर अहमद राथर उर्फ खालिद उर्फ साहिल को गिरफ्तार किया है। कुमार ने कहा, “वह बारी ब्राह्मण में छिपा था। उसने पिछले साल वेसु, कुलगाम में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और कुलगाम के फुर्राह में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी।” खुमार ने आगे कहा, “उसने 2004 में पीओके में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। और अपने साथ पांच विदेशी आतंकवादियों को भारत लाया। उसने 2006 में आत्मसमर्पण कर दिया था। लेकिन पिछले साल फिर से राजनेताओं और पुलिसकर्मियों की हत्या करना शुरू कर दिया।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ