केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे देशभर (ज्यादातर पंजाब और हरियाणा) के किसानों के प्रदर्शन का आज 12वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर अब तक यह गतिरोध खत्म नहीं हुआ है। अब नौबत यहां तक आ चुकी है कि किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है।
किसानों के इस भारत बंद को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। हालांकि, आंदोलन के 12वें दिन आज अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं। दरअसल, किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और इसी मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 11 दिन से जारी है। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पिछले कुछ दिनों से बंद हैं। अब इस आंदोलन का असर न सिर्फ यात्रियों पर पड़ रहा है, बल्कि फल-सब्जी के दाम भी बढ़ने लगे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो मुझे 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए कहा गया। मगर हमने नहीं माना। मुझे कई फ़ोन आये। बहुत दबाव भी था। मगर मैने अपने जमीर की सुनी। मुझे लगता है कि उस फैसले के कारण किसान आंदोलन को मजबूती मिली है। केंद्र का प्लान था कि किसानों को जेल में डालने की। मगर मंजूरी नहीं मिलने से आंदोलन मजबूत हुआ है।
सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम शुरू से किसान आंदोलन के साथ खड़े हैं। मैं किसानों की माग से सहमत हूं। मुझे लगता है सभी मांगें जायज़ हैं। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं आज यहां मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया। मैं यहां उनका सेवक बनकर आया हूं। मैंने यहां की व्यवस्था भी देखी है। कुछ पानी की दिक्कत है, उसे ठीक कर लिया जाएगा।