दो महीने सख्त निगरानी के बावजूद अचानक से दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ने के बाद केंद्र ने एक बार फिर कमान संभाल ली है। गृह मंत्रालय के साथ मिलकर आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ भी बैठकों का दौर शुरू हो चुका है।
बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। इससे पहले भी राजधानी के सभी 11 जिले लंबे समय तक रेड जोन में रहे जिसके चलते केंद्र की टीमों को कमान संभालनी पड़ी थी। इसका फायदा भी देखने को मिला।
जांच का दायरा जहां तीन गुना तेजी से रोजाना बढ़ा वहीं संक्रमण की दर में भी कमी देखने को मिली थी लेकिन अनलॉक के चौथे चरण में सक्रिय मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए केंद्र की ओर से लगातार राज्य सरकार के साथ बैठकें हो रही हैं। दरअसल दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को मिले छह माह पूरे हो चुके हैं। 24 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद जहां राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के बढ़ने की तादाद मंद दिखाई दी। वहीं दिल्ली में इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया।
दो महीने पहले गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में केंद्र और दिल्ली सरकार ने जब मिलकर निगरानी शुरू की तो महज एक सप्ताह बाद ही मरीजों की संख्या में भारी कमी दिखाई देने लगी लेकिन बीते एक सप्ताह की स्थिति पर गौर करें तो पांच से छह दिन में मरीजों की संख्या दोगुना तक पहुंच गई है।
आगामी 7 सिंतबर से दिल्ली मैट्रो भी शुरू होने जा रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ सार्वजनिक यातायात सेवाओं को बहाल करने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इसे लेकर अब तक केंद्र ने कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन जानकारी मिल रही है कि केंद्रीय टीमें बीते तीन दिन से दिल्ली की स्थिति को लेकर रोजाना बैठकें कर रही हैं।