बिकरू कांड में जेल भेजी गई नवविवाहिता खुशी की रिहाई फंस गई है। विवेचक बदलने और कई अन्य महिलाओं के साजिश में शामिल होने के साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने नए सिरे से खुशी की भूमिका की जांच शुरू की है। अब अगर उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलते हैं तो पुलिस उसको जेल से रिहा कराएगी।
इसमें सप्ताह भर का समय लग सकता है। बिकरू गांव कांड के आरोपी बदमाश अमर दुबे को हमीरपुर में एसटीएफ ने मार गिराया था। पुलिस ने उसकी पत्नी खुशी को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल भेज दिया था। जांच में पता चला था कि अमर और खुशी की शादी 29 जून को हुई थी।
तीस तारीख को वो बिकरू पहुंची इसके दो दिन बाद वारदात को गई। ऐसे में उसमें उसकी भूमिका नहीं मिल रही है। खुद आलाधिकारियों का भी ये कहना था कि खुशी बेगुनाह है। मगर मंगलवार को आरोपी बदमाश शशिकांत की पत्नी मनु की एक के बाद एक तीन कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो गईं।
इसके बाद वो जांच के घेरे में आ गई थी। पूरी तरह से साजिश में शामिल होने के साक्ष्य मिले। इसलिए अब एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि महिलाओं की भूमिका जांच के दौरान मिल रही है। इसलिए खुशी की भूमिका की जांच नए सिरे से कराई जा रही है।
विवेचक भी बदले हैं तो वो भी इसकी समीक्षा करेंगे। उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी तक पुलिस बिकरू गांव में खुशी की मौजूदगी के अलावा कोई अन्य साक्ष्य नहीं जुटा सकी है। गांव में ससुराल है तो लोकेशन वहीं पर होना लाजमी है।k