बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का 71 साल की उम्र में निधन हो गया है। 20 जून को सांस लेने में शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार देर रात 1.52 बजे दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन ने सरोज खान को श्रद्धांजलि दी। अमिताभ बच्चन ने सुबह सुबह सरोज खान को याद करते हुए लिखा, ‘हाथ जुड़े हैं मन उदास है।’ अक्षय कुमार ने कहा कि दुखद खबर है कि महान कोरियोग्राफर सरोज खान जी नहीं रहीं। उन्होंने नृत्य को लगभग आसान बना दिया था जैसे कोई भी नृत्य कर सकता है, फिल्म जगत के लिए ये एक बड़ा नुकसान है। उनकी आत्मा को शांति मिले।
सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 में निर्मला नागपाल के रूप में हुआ था। तीन साल की उम्र में उन्होंने बतौर बाल कलाकार काम करना शुरू कर दिया था। शादी से पहले उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। 14 साल की उम्र में सरोज खान पहली बार मां बनी थीं और उन्हें एक बेटा हामिद खान (राजू खान) हुआ। अपने एक पुराने इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि सोहनलाल से उनकी शादी कैसे हुई थी।
दो हजार से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की
सरोज खान ने अपने चार दशक के करियर में 2000 से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की, जिसमें फिल्म ‘देवदास’ का ‘डोला रे डोला’, ‘तेजाब’ का ‘एक दो तीन’ और ‘जब वी मेट’ का ‘ये इश्क हाय’ जैसे हिट गीत शामिल हैं।
सरोज खान के लिए आखिरी समय परेशानियों से भरा रहा। कभी लगातार फिल्में करने वालीं सरोज खान के पास करियर के आखिरी पड़ाव पर कोई काम नहीं बचा था। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया था। कुछ समय पहले सलमान खान उनकी मदद के लिए आगे आए थे।
50 के दशक में बतौर बैकग्राउंड डांसर शुरू किया था काम
50 के दशक में सरोज खान ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म गीता मेरा नाम से सरोज खान एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं हालांकि उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली। सरोज खान की मुख्य फिल्मों में मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा हैं।