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कानपुर डीएम और एसएसपी का दावा, पहले से गर्भवती थीं युवतियां

कानपुर के संवासिनी गृह में कोरोना पॉजिटिव युवतियों के गर्भवती होने के मामले में अधिकारियों ने उनके बारे में बहुत सारी जानकारियां जुटा ली हैं। डीएम और एसएसपी ने दावा किया है कि युवतियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं। उनकी उम्र निर्धारण के लिए भी जांच कराई जाएगी।

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि 3 और 12 दिसम्बर 2019 में दोनों युवतियों को संवासिनी गृह में दाखिल कराया गया था। दोनों आगरा और कन्नौज में अपराध का शिकार हुई थीं। वहां पर दोनों के मामलों में एफआईआर भी दर्ज है। अधिकारी ने बताया कि वहां पर आरोपितों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की गई, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दोनों युवतियों को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया था। उन्हीं के आदेश पर इन्हें संवासिनी गृह में दाखिल किया गया था।

सात संवासिनी गर्भवती, 57 संक्रमित
डीएम ब्रह्मदेवराम तिवारी ने बताया कि राजकीय संरक्षण गृह में अब तक 57 संवासिनी संक्रमित पाई गई हैं। इस वक्त 07 गर्भवती हैं। इनमें से पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव तथा दो की निगेटिव आई है। ये सभी आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेश पर यहां भेजी गई हैं।

170 बालिकाएं और 59 महिलाएं
संवासिनी गृह में एक हिस्से में बाल गृह बालिका और दूसरे हिस्से में महिला शरणालय है। प्रोबेशन अधिकारी अजित कुमार ने बताया कि वर्तमान में बालगृह में 170 बलिकाएं और 59 महिलाएं रहती हैं। उन्होंने बताया कि संवासिनी गृह को सील करा दिया गया है।

जनवादी महिला समिति की ओर से जांच कराने की मांग की गई
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली तथा जिलाध्यक्ष नीलम तिवारी ने एसएसपी से मुलाकात कर संवासिनी गृह प्रकरण में जांच कराए जाने की मांग की। एसएसपी ने एसपी साउथ से जांच कराने का आश्वासन दिया। दोनों ने एसपी साउथ से भी बात की। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है। एसएसपी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बदइंतजामी से नाबालिग संवासिनी कोरोना संक्रमित हुई हैं।

एचआईवी और हेपिटाइटिस के बारे में जानकारी जुटाई जा रही
इनमें से एक युवती एचआईवी और दूसरी हेपिटाइटिस सी से भी ग्रसित है। एचआईवी पीड़ित युवती के संबंध में एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना था कि जब संवासिनी गृह में युवतियों को दाखिल किया जाता है तो मेडिकल टेस्ट के बाद पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। दोनों के कागजात रिकॉर्ड रूम में हैं, जो कोरोना के कारण सील है। मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जल्द ही रिकॉर्ड निकलवाकर जानकारी दी जाएगी।

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