लॉकडाउन में भी लखनऊ-कानपुर हाईवे पर बुधवार को लंबा जाम लग गया। फास्टैग वाहनों के लिए आरक्षित लेनों में भी घंटों वाहन फंसे रहे। एनएचएआई की मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था ध्वस्त दिखी। पर्याप्त स्टाफ का बंदोबस्त किए बिना ही निजी कंपनी के टोल वसूलने से आए दिन यह स्थिति पैदा हो रही है।
लॉकडाउन में काफी सीमित संख्या में वाहनों को चलाए जाने की अनुमति दी जा रही है। इसके बावजूद लखनऊ-कानपुर हाईवे पर लंबा जाम लग रहा है। बुधवार दोपहर लखनऊ-कानपुर हाईवे पर नवाबगंज टोल प्लाजा पर 2 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। फास्टैग के लिए आरक्षित लेन में भी वाहन फंसे रहे। जबकि फास्टैग लेन में तत्काल ही वाहन निकलने चाहिए। वाहन निकालने के लिए एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। यह स्थिति शाम तक बनी रही।
इस टोल प्लाजा पर वाहनों के आने जाने के लिए कुल 15 लेन हैं। मुश्किल तब और बढ़ गई जब लोगों ने टोल प्लाजा पर जाम खुलवाने के लिए संपर्क करना चाहा, तो वहां से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली। उल्टा यह कह दिया गया कि स्टाफ की कमी के कारण वाहनों को जल्दी निकाल पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। बताते हैं कि दो दिन पहले भी नवाबगंज के टोल प्लाजा पर इसी तरह का लंबा जाम लगा था। तब पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए बैरियर को उठवा कर वाहनों को बिना टोल टैक्स भुगतान के ही रवाना करने की व्यवस्था करनी पड़ी थी।
इस टोल प्लाजा पर पीएनसी कंपनी टोल टैक्स वसूलती है। बताते हैं कि लॉकडाउन अवधि में जब पुन: टोल टैक्स वसूलने की अनुमति दी गई, तब इनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं था। यह स्थिति आज भी बनी हुई है। यही वजह है कि टोल प्लाजा पर लंबा जाम लग रहा है। वहीं एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने भी स्वीकार किया कि लॉकडाउन के कारण कंपनी के पास स्टाफ की दिक्कत बनी हुई है।
टोल वसूलने वाली कंपनी पर लगाएंगे जुर्माना : आरओ
इस बारे में संपर्क किए जाने पर एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (पूर्वी) राजीव अग्रवाल ने कहा कि इस तरह से जाम लगना गंभीर मामला है। फास्टैग वाली लेन में तो किसी तरह का वाहनों का कोई जाम लगना ही नहीं चाहिए। स्थिति को तत्काल सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं। टोल प्लाजा की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी पर पेनाल्टी भी लगाए जाने का प्रावधान है। पीडी से रिपोर्ट लेकर यह दंड भी लगाएंगे।