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ठक-ठक गिरोह का सरगना शरद गोस्वामी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस ने मोबाइल लुटेरों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। मेरठ से संचालित हो रहे इस गिरोह के सदस्य देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर मोबाइल लूटते थे। इन मोबाइलों को बिक्री के लिए नेपाल, बैंकाक, बंग्लादेश सहित कई देशों में खपाया जाता था। पुलिस ने गिरोह सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए चार सौ से ज्यादा मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है कि देशभर में चल रहे ठक-ठक गिरोह का सरगना भी शरद गोस्वामी है। ठक-ठक गिरोह गाड़ी से तेल बहने, पंक्चर होने या कुछ और खराबी होने की बात कहकर कार ड्राइवर का ध्यान आकर्षित करता है। नजर बचाकर कार के डैशबोर्ड से मोबाइल, लैपटॉप और अन्य महंगी वस्तुएं चुरा लेता है। लूट-चोरी के सामान को इकट्ठा करने के लिए मेरठ, दिल्ली, मुंबई में चुनिंदा लोग हैं। ये सामान इकट्ठा करते हैं। उनके बड़े-बड़े पैकेट बनाते हैं और विदेशों को सप्लाई कर देते हैं।

जानें, इस गिरोह के बारे

1- देशभर में मोबाइल लूट-चोरी करने वाले शरद गोस्वामी के सबसे बड़ मोबाइल चोर गैंग में कुल 180 लड़के हैं। ये अलग-अलग राज्यों में वारदात करते हैं। मेरठ में इन बदमाशों को पूरी तरह पुलिस का संरक्षण था, जिसकी वजह से ये आज तक पकड़ में नहीं आए।

2- बदमाशों के दूसरे शहरों में पकड़े जाने पर वहां इनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले भी तैयार रहते थे। मोबाइलों से आने वाले पैसे का एक हिस्सा खुद हैंडलर रखता था, जबकि तीन हिस्से टीम के सदस्यों में बंटते थे।

3- मेरठ पुलिस ने फिलहाल शरद गोस्वामी और उसके दो साथियों को हिरासत में ले रखा है। उनसे लंबी पूछताछ चल रही है। इसमें चौंकाने वाले कई खुलासे हुए हैं। पुलिस के अनुसार, शरद गोस्वामी के अंडर में ब्रह्मपुरी क्षेत्र के महफूज, मतलूब और उमरदराज काम करते हैं। गिरोह का मुखिया भले ही शरद हो, लेकिन उसे ऑपरेट यही तीनों युवक करते हैं।

4- इन तीनों के नीचे बीस-बीस टीमें हैं। हर टीम में तीन लड़के हैं। इस प्रकार 60 टीमों में करीब 180 लड़के शामिल हैं जो देशभर में वारदात कर रहे हैं। यह गिरोह देशभर के ज्यादातर बड़े शहरों में मोबाइल लूट, छिनैती और चोरी करता है। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह के तार विदेशों तक जुड़े हुए हैं, जहां वे लोग लूट-चोरी के माल को प्राप्त करके उसे अच्छे रेट पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं। भारत से बाहर होने की वजह से यूपी या अन्य राज्यों की पुलिस आईएमईआई नंबर रन नहीं कर पाती है।

5- एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि गिरोह का सरगना शरद गोस्वामी है जो मेरठ में ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम का रहने वाला है। वह पिछले 5 साल से वेस्ट यूपी, एनसीआर और आसपास के राज्यों में लूट-चोरी करने वाले बदमाशों से जुड़ा हुआ है। शरद के नीचे महफूज, मतलूब और उम्रदराज काम करते हैं। इन तीनों के नीचे तीन-तीन लड़कों की 20-20 टीमें हैं।

6- चोर-लुटेरों की ये टीमें दिल्ली, बंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, गुरुग्राम, हैदराबाद आदि बड़े शहरों में वारदात करती हैं। मेरठ निवासी नदीम मुंबई में मोबाइल शोरूम का मालिक है। नदीम के जरिये इन मोबाइलों को पैकेट बनाकर विभिन्न माध्यमों से नेपाल, बंग्लादेश, बैंकाक, चीन, सिंगापुर आदि देशों में भेजा जाता है। जहां ये डुप्लीकेट बिल पर बेचे जाते हैं। शरद की दो गर्लफ्रेंड भी इस धंधे में लिप्त हैं जो दिल्ली और मेरठ की रहने वाली हैं।

7- विदेशी खातों से आया पैसा : पुलिस को शरद गोस्वामी और उसके गिरोह के कुछ ऐसे बैंक खाते भी मिले हैं, जिनमें विदेशी खातों से पैसा आता था। पुलिस मान रही है कि ये वही खाते हैं जो लूट-चोरी के मोबाइल खरीदकर उनका पैसा शरद को भेजते थे।

9- मेरठ पुलिस को लुटेरों के सरगना शरद गोस्वामी के साथ कुछ पुलिसकर्मियों के फोटो भी मिले हैं। इसमें एक सब इंस्पेक्टर है जो पूर्व में मेरठ क्राइम ब्रांच का प्रभारी रहा है और फिलहाल सहारनपुर में तैनात है। एक फोटो में वह शरद के साथ दुबई की फ्लाइट में बैठा हुआ है। दूसरे फोटो में दरोगा मसाज करा रहा है, जबकि शरद पास में खड़ा है। सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2007 से इस दरोगा और शरद के ताल्लुकात हैं। दोनों ने कई देशों की यात्राएं साथ-साथ की हैं। एक और सिपाही की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। यह सिपाही भी पूर्व में क्राइम ब्रांच में तैनात रहा है, लेकिन फिलहाल लिसाड़ी गेट थाने में कार्यरत है। दूसरा सिपाही ब्रह्मपुरी थाने में तैनात है। इस सिपाही की संलिप्तता इतनी है कि बाहरी राज्यों की पुलिस आते ही वह उस गिरोह के सदस्यों को फोन करके अलर्ट कर देता है। पुलिस ने एक सिपाही को हिरासत में ले रखा है। उससे पूछताछ चल रही है। सूत्रों के अनुसार दरोगा ने खुद को बचाने के लिए एक बड़े पुलिस अधिकारी की सिफारिश लगवा रहा है।

10- मेरठ पुलिस के अनुसार, शरद की दो गर्लफ्रेंड हैं। इसमें चांदनी मेरठ और सोनिया दिल्ली की रहने वाली है। दोनों गर्लफ्रेंड के चार भाई भी शरद गोस्वामी के गिरोह में शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि मेरठ के तमाम लोग इस गिरोह से जुड़े हुए थे। उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। सभी की गिरफ्तारी होगी।

11- चार सितंबर को माधवपुरम में अनीस उर्फ काला व इरफान उर्फ लाला के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में अनीस, इरफान के पैर में गोली लगी थी। इस मुठभेड़ को फर्जी बताकर माधवपुरम निवासी शरद गोस्वामी ने 28 पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए 20 सितंबर को कोर्ट में अर्जी दायर की। पुलिस ने पता कराया कि शरद गोस्वामी कौन है तो वह पुराना बदमाश निकला। उसके खिलाफ दिल्ली और उप्र के विभिन्न थानों में 25 से ज्यादा मुकदमे हैं। मेरठ के बहुचर्चित बिलाल हत्याकांड में वह वांटेड है। दो लाख के इनामी तांत्रिक नजाकत उर्फ पप्पू का भी वह साथी है। पुलिस ने पहले पांच और फिर पच्चीस हजार रुपये का इनाम शरद पर घोषित किया गया। इसके बाद पुलिस ने शरद की घेराबंदी की। सोमवार को उसे भोला झाल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया गया कि शरद यहां करोड़ों रुपये की लागत से होटल बनवा रहा है। उसके दो पार्टनर भी उठाए गए हैं। पुलिस के खिलाफ याचिका दायर करने के पीछे शरद की मंशा अपने गिरोह को सुरक्षित करने की थी। शरद मान रहा था कि मामला कोर्ट में जाते ही पुलिस उसका पीछा खत्म कर देगी। क्योंकि मुठभेड़ में घायल बदमाश शरद के ही गैंग के थे। लेकिन यहां मामला एकदम उलटा हुआ। कोर्ट में याचिका दायर होते ही पुलिस का शिकंजा कसता चला गया।

12- चोर-लुटेरों का यह अंतरराष्ट्रीय गिरोह हफ्ते में चार दिन वारदात करता था। सप्ताह के आखिरी तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को वह छुट्टी मनाता था। तीन दिन छुट्टी के पीछे का मकसद लूट-चोरी के मोबाइलों को इकट्ठा करना, उनके पैकेट बनाना, विदेशों में भेजना होता था।

13- मेरठ के इस गिरोह ने जनवरी-2019 में दिल्ली के साकेत इलाके में भारतीय टीम के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मनोज प्रभाकर की पत्नी अभिनेत्री फरहीन प्रभाकर से मोबाइल और कैश लूटा था। लूट के बाद बदमाशों ने फरहीन के घर का पता लेकर उन्हें धमकी भी दी थी।

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