मोदी सरकार के तीन तलाक बिल और फिर अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के बाद से ही तमाम नेताओं का समान नागरिक संहिता को लेकर भी बयान आना शुरू हो गया है। अभी देश में विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोगों के लिए शादी, बच्चे को गोद लेना, संपत्ति या उत्तराधिकार आदि मामलों को लेकर अलग-अलग नियम है। बता दें कि समान नागरिक संहिता कानून बनने के बाद सभी धर्मों तथा जातियों पर एक ही कानून लागू होगा।
इसी बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने बयान दिया है कि वर्तमान सरकार तीन तलाक बिल लेकर आई। उसके बाद अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से हटा दिया जिसके बाद से भी हमें यकीन है कि यह देश में समान नागरिक संहिता कानून को लेकर एक शुरुआत है। मुझे यकीन है कि इसे जल्द ही देश में लागू कर दिया जाएगा।
वर्तमान में देश में विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोगों के लिए शादी, बच्चे को गोद लेना, संपत्ति के अधिकार जैसे मामलों को लेकर अलग-अलग नियम है। इसलिए किसी धर्म में जिस बात को लेकर पाबंदी है, दूसरे संप्रदाय में उस बात की पूरी छूट है। इससे देश के बीच एकरुपता नहीं आ पाती है।
आजादी के बाद से ही सभी धर्मों के लिए एक समान कानून को लेकर बात होती रही है हालांकि अभी तक इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है। पूर्व में हिंदू कोड बिल और वर्तमान में तीन तलाक बिल इस दिशा में बड़े कदम माने जा रहे हैं।
वर्तमान में गोवा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां समान नागिरक संहिता लागू है। गोवा में इसे फैमिली लॉ के नाम से जाना जाता है।