बेंगलुरु, एजेंसी। Karnataka political Crisis कर्नाटक में एक पखवाड़े से चल रहा सियासी नाटक कल विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर बहस के साथ चरम पर पहुंच गया। विधानसभा के अंदर और बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे के कारण शक्ति परीक्षण पर मतदान टालना पड़ा। विरोधस्वरूप भाजपा विधायक रातभर सदन में धरने पर बैठे रहे। राज्यपाल वजूभाई वाला ने अब एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए आज यानी शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक का समय दिया है। अब नजरें विधानसभा अध्यक्ष पर हैं कि वह आज भी शक्ति परीक्षण कराते हैं या नहीं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि कांग्रेस-जदएस के 15 विधायकों के इस्तीफे, दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने और पहली नजर में अन्य परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री बहुमत या सदन का विश्वास खो चुके हैं। उन्होंने आगे लिखा, ‘मुझे बताया गया है कि विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए बुलाए गए सदन की कार्यवाही रोक दी गई और बाद में बिना किसी निर्णय पर पहुंचे स्थगित कर दी गई। भारतीय संविधान द्वारा संचालित लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह नहीं चल सकता।’ इस बीच भाजपा ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पार्टी विधायकों की बैठक बुला ली है।