कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। इससे सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हुई। उनकी नौकरी छिन गई, जिसके बाद वे वापस अपने घर जाना चाहते हैं। कई जगह इसकी मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुआ। राज्यों की मांग के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें ट्रेन से घर वापस भेजने का फैसला किया।
रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों के लिए एक मई से अब तक 115 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और एक लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया है।
आज सोमवार दोपहर 2 बजे नवसारी(गुजरात) से चलकर सीतापुर पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस लगभग 37 जिलो के मजदूर आज सीतापुर पहुंचे। जिनमे सीतापुर, लखीमपुर, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, संतकबीरनगर, कानपुर, कानपुर देहात, झांसी, लखनऊ, रायबरेली, इलाहाबाद, बहराइच, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, कन्नौज, मैनपुरी, काशगंज, इटावा, फरुखाबाद, एटा, फिरोजाबाद, बरेली, फतेहपुर, बाँदा, बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, आज़मगढ़, मऊ, अम्बेडकरनगर, गाजीपुर, बनारस आदि जिलो के मजदूरों को उनके घर पहुँचाया गया। अन्य सभी जिलों के मजदूर तत्काल बसों द्वारा अपने अपने जिलो में भेजे गए। सीतापुर के 252 मजदूरों को भी अपने अपने घर पहुंचाया गया। कुल 1248 श्रमिको को 38 बसों द्वारा अपने अपने घर पहुँचाया गया।
विशेष संवादाता सीतापुर …….